बाबरी मस्जिद की शहादत के 24 साल।

अयोध्या की विवादस्पद बाबरी मस्जिद, राम मंदिर की 24वी बरसी पर यहां पर कड़ी सुरक्षा देखने को मिली. इसी कड़ी सुरक्षा के बीच लोग राम लला के दर्शन करते नज़र आये. मंदिर के चारो ओर सुरक्षा बलों के जवान चौकसी करते नज़र आये. एक तरफ जहां देश के कुछ हिस्सों में बजरंग दल और अन्य संगठनों द्वारा उत्साह मनाया जा रहा था वहीँ मुसलमानो के कुछ संगठनों की तरफ से भी विरोध दिवस मनाने की सूचना थी.

गौरतलब है कि 6 दिसंबर, 1992 को कार सेवा के लिए अयोध्या पहुंचे हजारों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को को शहीद किया था. इसी दौरान मस्जिद शहादत घटना की थोड़ी दूर पर बने मंच पर लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

कारसेवकों ने 5 घंटे 45 मिलट में बाबरी मस्जिद ध्वस्त की थी। 5 घण्टे 45 मिनट में मिल कर बाबरी मस्जिद को कारसेवकों द्वारा शहीद की गयी थी. अयोध्या में इस दिन करीब तीन लाख कारसेवक जुटे थे।

कारसेवा दिन भर चलती रही। पाकिस्तान और बांग्लादेश में कई मंदिर तोडे़ गए और देश में सांप्रदायिक उन्माद फैल गया था। बाद में सात दिसंबर को लालकृष्ण अडवाणी ने नैतिकता के तौर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया था.