अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े एक अहम मामले में सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा, पुराना फैसला उस वक्त के तथ्यों के मुताबिक था। मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अटूट हिस्सा नहीं है।
पूरे मामले को बड़ी बेंच में नहीं भेजा जाएगा’। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बैंच ने 2 के मुकाबले 1 मत से फैसला सुनाया। विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
वीएसपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि अब ये साफ हुआ है कि ये याचिका क्यों लगाई गई थी। उन्होंने कहा कि याचिका राम मंदिर पर फैसला टालने के लिए लाई गई थी।
विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि आगामी 5 अक्टूबर को होने वाली बैठक में राम मंदिर के निर्माण के लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
आपको बता दें कि विश्व हिंदू परिषद ने पांच अक्टूबर को राम मंदिर के मुद्दे पर संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक दिल्ली में बुलाई है. इस बैठक में देशभर के 30 से 35 बड़े संत हिस्सा लेंगे और राम मंदिर के साथ कारसेवा पर भी फैसला लिया जा सकता है।
संतो की इस बैठक के लिए विश्व हिंदू परिषद ने सभी संतों को पत्र जारी किया है और राम मंदिर निर्माण के लिए निर्णय लेने के लिए बैठक का न्योता भेजा है।