अयोध्या मसले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर हमला बोलते हुए एम आई एम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि शीर्ष अदालत भावनाओं के आधार पर फैसला नहीं ले सकती।
ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महासचिव भैयाजी जोशी की टिप्पणियों का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि अयोध्या मुद्दे पर ‘‘हिंदू समुदाय की भावनाओं’’ पर भी विचार करना चाहिए ।
The Supreme Court cannot take decisions on the basis of ‘Hindu bhavna’. He’s still in denial that there is something called the Constitution of India. Aastha, bhavna, etc isn’t relevant, only insaaf is. https://t.co/nSvLR0c9Oo
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 2, 2018
ओवैसी ने कहा कि ‘हिंदू भावना’ के आधार पर उच्चतम न्यायालय फैसला नहीं कर सकता है ।’’ ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वह (जोशी) अब भी भारत के संविधान को नकार रहे हैं । आस्था, भावना इत्यादि कुछ भी प्रासंगिक नहीं है और केवल इंसाफ प्रासंगिक है।’’
दूसरी ओर संघ ने शुक्रवार को कहा कि शीर्ष अदालत के यह कहने से कि अयोध्या मसला उनकी प्राथमिकता में नहीं है, हिंदू ‘‘अपमानित’’ महसूस कर रहे हैं और जोर देकर कहा कि किसी विकल्प के नहीं बचने पर अध्यादेश की जरूरत पड़ेगी।’’
The Supreme Court cannot take decisions on the basis of 'Hindu bhavna', says Owaisi @asadowaisi #AyodhyaRamMandir https://t.co/BhvkJNAseq
— Business Standard (@bsindia) November 2, 2018
महाराष्ट्र के उत्तन में संघ के तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद महासचिव भैयाजी जोशी ने कहा किे अगर जरूरत पड़ी तो संगठन आंदोलन शुरू करने में नहीं हिचकेगा, लेकिन चूंकि मामला शीर्ष अदालत में है तो इसकी कुछ सीमायें हैं ।’’