बाज़ार पर मबनी तवानाई की क़ीमत का ताय्युन हिन्दुस्तान के लिए ज़रूरी

तवक़्क़ो है कि हिन्दुस्तान 7 साल के अंदर दुनिया का तवानाई का तीसरा बड़ा सारिफ़ बन जाएगा। वज़ीरे अज़म मनमोहन सिंह ने आज कहा कि बाज़ार पर मबनी क़ीमत का ताय्युन और टैक्नालोजी मुल्क की इस सिलसिले में ज़रूरीयात की तकमील के लिए ज़रूरी है। वो आठवीं एशीया गैस शराकतदारी चोटी कान्फ्रेंस से ख़िताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान फ़िलहाल दुनिया का सातवां सब से बड़ा तवानाई पैदावार कुनुंदा है।

उसे आइन्दा 20 साल में तवानाई की सरबराही तीन ता चार गुना इज़ाफ़ा करने की ज़रूरत है। तेल और गैस हिन्दुस्तान की तवानाई की बुनियादी ज़रूरत का 41 फ़ीसद हिस्सा है। तवक़्क़ो है कि हिन्दुस्तान 2020 तक तवानाई का तीसरा सब से बड़ा सारिफ़ बन जाएगा। फ़िलहाल हिन्दुस्तान दुनिया का चौथा सब से बड़ा तवानाई का सारिफ़ है।

पहले तीन मुक़ामात पर अमरीका चीन और जापान है। रासिद और तल्ब के दरिमियन ख़लीज पाटने के लिए हिन्दुस्तान को अंदरून-ए-मुल्क और आलमी कंपनीयों की हौसलाअफ़्ज़ाई करनी होगी ताकि वो साहिल पर और इसके क़रीब के इलाक़ों में तेल और गैस तलाश करें।

उन्होंने अमरीका के तेल गैस इन्क़िलाब का तज़किरा किया जहां टैक्नालोजी और बाज़ार की बुनियाद पर क़ीमतों के ताय्युन से ग़ैर रिवायती गैस वसाइल इस्तेमाल करने में मदद मिली है और मुल्क में फ़ाज़िल तवानाई मौजूद है। वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि ये इमतिज़ाज ज़रूरी है ताकि मईशत और तेज़ रफ़्तारी तरक़्क़ी मुम्किन होसके।

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की तवानाई की ज़रूरीयात हमारी अपनी ज़रूरीयात के मुताबिक़ है। उन्होंने कहा कि दीगर ममालिक बतदरीज तवानाई की सयानत हासिल करने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि तवानाई के असासाजात दूसरे ममालिक से ख़रीदना भी एक मुतबादिल रास्ता है।

उन्होंने कहा कि क़ीमत की ताय्युन का एक नया निज़ाम एक‌ अप्रैल 2014 से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वो सरमाया कारों को तैक़ून‌ देते हैं कि हुकूमत एक मुस्तहकम और काबुल इस्तिफ़ादा माहौल तवानाई के नए वसाइल तलाश करने के लिए फ़राहम किए जाऐंगे।

इस मौक़े पर वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने गेल इंडिया लिमेटेड की एक हज़ार किलो मीटर तवील डभोल। बैंगलोर क़ुदरती गैस गैस पाइपलाइन क़ौम के नाम मानून की । हालाँकि ये गैस पाइपलाइन जारीया साल के अवाइल में मुकम्मल हो चुकी थी लेकिन वज़ीर-ए-आज़म ने उसको आठवीं एशीया गैस शराकतदारी चोटी कान्फ्रेंस के मौक़े पर क़ौम के नाम मानून किया।

इस मौक़े पर मर्कज़ी वज़ीर तेल ऐम वीरप्पा मोईली भी मौजूद थे। मनमोहन सिंह ने कहा कि गुज़िशता बरसों के दौरान गेल ने तेज़ रफ़्तार तरक़्क़ी की है और मुतनव्वे वफ़ाक़ बन गया है।