बड़बिल: चर्चित बिंदिया महाकुड गैंगरेप व कत्ल मामले में चंपुआ एडीजे कोर्ट ने पीर को फैसला सुनाया। कोर्ट ने जेल में बंद सभी पांच मुलजिमों को फांसी की सजा सुनाई है। यह मामला तीन साल से चल रहा था।
सुनवाई कर रहे एडिशनल जिला जज जोदुमणि मिश्रा ने तमाम पांचों मुलजिमों पर तीन दफ़ात में मुजरिम करार देते हुए फैसला सुनाया। मामले में कुल 29 गवाहों के बयान दर्ज किये गये। फांसी की सजा पाने वालों में माटा मुंडा, जितेन मुंडा, विश्वनाथ गोप, मंगल पूर्ति व हरजीत सिंह शामिल हैं। मामले की आखरी सुनवाई के दौरान कोर्ट अहाते में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
क्या था मामला
एक अगस्त 2012 की सुबह बेलकुंडी के रहने वाले क्लास आठ की तालिबा बिंदिया महाकुड फारेस्ट ऑफिस के नज़दिक टयूशन पढ़ने गयी थी। लौटने के दौरान सात नौजवान बिंदिया को जबरन जंगल में ले गये और इशमतरेज़ि के बाद उसकी कत्ल कर दी। उस दिन राखी थी और बिंदिया टयूशन से जल्द लौटकर भाई को राखी बांधना चाहती थी। वाकिया के बाद बिंदिया को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा शहर कई दिनों तक जलता रहा। पुलिस ने पांच मुल्ज़िम को गिरफ्तार किया था पर गैंगरेप के दो दो मुल्ज़िम बबलू संडिल और सचिंद्र अब भी फरार है।