कोलकाता। नोटबंदी को लेकर कलकत्ता (कोलकाता) हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है। शुक्रवार को नोटबंदी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि नोटबंदी को लेकर सरकार रोज नए-नए फैसले ले रही है और अगले दिन उसे बदल दे रही है। फैसलों को ऐसे रोज बदलना ठीक नहीं है। बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी लाइनों से लोग परेशान हो रहे हैं।
नोटबंदी के 10वें दिन भी देश में हालात जस के तस हैं। सरकार हर दिन नया फैसला ले रही है। कोर्ट ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया। जज ने कहा कि अस्पतालों में कैश की वजह से जरूरी इलाज नहीं हो पा रहा है। अपने बेटे की बीमारी का जिक्र करते हुए जज ने कहा, मेरे बेटे को डेंगू है, लेकिन अस्पताल वाले कैश नहीं ले रहे हैं।
‘आजतक’ के मुताबिक, केंद्र पर बड़ी टिप्पणी करते हुए कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी के फैसले को लागू करते वक्त सरकार ने अपने दिमाग का सही इस्तेमाल नहीं किया। हर दिन वो नियम बदल रही है। इसका मतलब साफ है कि इतना बड़ा फैसला लेने से पहले कोई होमवर्क नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि हम सरकार का फैसला नहीं बदल रहे, लेकिन इस मामलें में बैंक कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। इस याचिका पर अगले शुक्रवार को कोर्ट में फैसला आएगा।
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी नोटबंदी पर सभी याचिकाओं पर फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी पर केंद्र सरकार दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाएं दें। बता दें, नोटबंदी के बाद पहले सरकार ने कहा था कि बैंक से रोजाना 4000 रुपये तक के पुराने नोट बदले जा सकेंगे, बाद में इसे बढ़ाकर 4500 कर दिया गया।
वहीं, एटीएम से रोजाना 2000 कैश निकाले जा सकते थे, जिसकी लिमिट बाद में बढ़ाकर 2500 कर दी गई थी। अब गुरुवार को आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने नोटबंदी पर प्रेस ब्रिफिंग की। उन्होंने बताया कि अब किसान एक हफ्ते में 25000 रुपये निकाल सकते हैं। जबकि, शादी समारोह के लिए बैंक से 2.5 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें बैंक में शादी का कार्ड दिखाना होगा।