नई दिल्ली: वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ बिन्नी बंसल ने इस्तीफा दे दिया है। वॉलमार्ट के मुताबिक जांच के चलते बिन्नी बंसल ने इस्तीफा दिया। वहीं बिन्नी बंसल ने जांच के कारण इस्तीफे की बात का नकारा है। कृष्णमूर्ति फ्लिपकार्ट के CEO पद पर बने रहेंगे। बिन्नी बंसल पर निजी तौर पर गड़बड़ी करने का आरोप लगा है।
फ्लिपकार्ट ने कहा है उनका इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया गया है। वॉलमार्ट ने एक बयान में कहा है कि जांच में बिन्नी के खिलाफ सबूत नहीं मिले। हालांकि इस दौरान बिन्नी ने जिस तरह से व्यवहार किया इसमें खामियां मिली है। इसमें पारदर्शिता की कमी थी। इसी कारण उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया।
वॉलमार्ट ने कहा कि वो फ्लिपकार्ट में उत्तराधिकारी की योजना पर काम कर रही है। अभी कल्याण कृष्णमूर्ति फ्लिपकार्ट के सीईओ के तौर पर बने रहेंगे। अब इसमें मिंत्रा और जबॉन्ग को भी शामिल कर दिया गया है। अनंत नारायण मिंत्रा और जबॉन्ग के सीईओ बने रहेंगे पर वो कृष्णमूर्ति को रिपोर्ट करेंगे। वहीं समीर निगम फोन पे के सीईओ बने रहेंगे। कल्याण और समीर दोनों बोर्ड को रिपोर्ट करेंगे।
इससे पहले मई में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट को 1.05 लाख करोड़ रुपए (16 अरब डॉलर) में खरीदा था। वॉलमार्ट का फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सा है। इस डील में दूसरे को-फाउंडर सचिन बंसल को अपना 5.5 फीसदी हिस्सा बेचना पड़ा था। इसके बाद वो कंपनी से बाहर हो गए थे। अब दोनों की को-फाउंडर की फ्लिपकार्ट से विदाई हो चुकी है।
सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने 2007 में बेंगलुरू में फ्लिपकार्ट की स्थापना की। दोनों 2005 में आईआईटी दिल्ली में मिले थे और अमेजन में साथ काम किया था। उन्होंने ऑनलाइन किताबें बेचने से कारोबार शुरू किया था। इनकी कंपनी ने जॉन वुड्स की ‘लीविंग माइक्रोसॉफ्ट टू चेंज दी वर्ल्ड’ पहली किताब के तौर पर बेची थी।
फ्लिपकार्ट 2011 में सिंगापुर में पंजीकृत हुई थी। दूसरी तरफ वॉलमार्ट ने भारत में 2007 में कारोबरा शुरू किया था। उसने मई 2009 में अमृतसर में पहला स्टोर खोला था। अब वॉलमार्ट के पास भारत में फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनी है।