बिहार को मिले 3171 करोड़ रुपए, नीतीश बोले रेलवे बजट मायूसकुन

पटना : बिहार की रेल प्रोजेक्ट को रफ़्तार देने और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए रेल बजट में इस बार 3171 करोड़ रुपए की तजवीज किया गया है। पूर्व मध्य रेलवे के जीएम एके मित्तल का दावा है कि यह रक़म गुजिश्ता बजट के मुकाबले 29 फीसद ज्यादा है। इसके अलावा इस बार के बजट में बिक्रमशिला-कटरिया नई रेल लाइन और कुछ रेल लाइनों का दोहरीकरण मंजूर हुआ है।
साथ ही 25 आरओबी, चार आरयूबी और माल लदान में सहूलत के लिए 7 नए फ्रेट टर्मिनल बनाने की मंजूरी मिली है। लेकिन, दीघा ब्रिज होकर किसी नई ट्रेन की सौगात नहीं मिली।

वज़ीरे आला नीतीश कुमार ने रेल बजट को मायूसकुन और कॉस्मेटिक एक्सरसाइज करार दिया है। जुमेरात को एसेम्बली अहाते में वज़ीरे आला ने सहाफियों से कहा कि रेल वजीर सुरेश प्रभु मेरे दोस्त हैं। मेरी उनको मुबारकबाद है कि वे पांच साल तक रेल वुज्रा संभालते रहें। प्रभु से माफ़ी मांगते हुए मैं कह रहा हूं कि इसमें कुछ नहीं है।

वज़ीरे आला ने कहा कि रेल किराया कम होना चाहिए था। दुनिया के बाजार में तेल की कीमत घट गई है। इसलिए सफ़र और माल भाड़े में कमी करनी चाहिए थी। लोगों का ध्यान इस तरफ नहीं जाए इसलिए यह परचार कराया जा रहा है कि किराया नहीं बढ़ा है। सहुलातों के नाम पर रेल मुसाफिरों से भद्दा मजाक किया गया है। आज ट्रेनों को वक़्त पर चलाना, इनकी सफाई रखना और स्टेशन की हालत को ठीक रखना तरजीह नहीं है। ऑपरेटिंग रेशियो को 92 फिसद बताया जा रहा है, सही नहीं है। रेलवे न कमा रहा है और न खर्च कर रहा है। मेरी समझ है कि कुछ बातें छिपाई जा रही हैं।