साबिक़ वजीरे आला नीतीश कुमार ने बुध को कहा कि बिहार में मौसम की जो हालत है, वैसे में यहां इस बार भी सूखे का ऐलान करना ही पड़ेगा। इसके अलावा कोई उपाय नहीं है। मौसम की मार का बिहार में हाल यह है कि कोई साल ऐसा नहीं बीता मेरे लिए जब यहां कुदरती आफत का हमने सामना नहीं किया।
कभी सैलाब तो कभी सुखाड़। वैसे ज़िराअत रोड मैप के जरिये बिहार हुकूमत ज़िराअत पैदावार बढ़ाने, उनके स्टॉक और तक़सीम की सिमत में मुसलसल काम कर रही है। मिस्टर कुमार एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में खाने की हिफाजत कानून पर मुनक्कीद एक सेमिनार को खिताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फूड सेक्युर्टी कानून को बेहतर बनाए रखने के लिए बिहार में पीडीएस दुकानों तक डोर स्टेप डिलेवरी की निज़ाम की गई है। उनकी तस्लीम है कि फूड सेक्युर्टी कानून के फाइदा उठाने वालों की शिनाख्त के लिए एक आज़ाद कमीशन की तशकील किया जाए।
वह नाम हटाने और जोड़ने को ले काम करे। नीतीश कुमार ने कहा कि फूड सेक्युर्टी कानून को सही तरीके से अमलीजामा पहनाने की सिम्त में बिहार हुकूमत काम कर रही है। स्टोर के मसले हैं और उस पर काम हो रहा है। तक़सीम के नेटवर्क को दुरुस्त करने की सिम्त में हुकुमत ने काम किए हैं। फूड सेक्युर्टी कानून लागू किए जाने से पहले भी उन्होंने इस सिलसिले में मरकज़ी हुकूमत को कई सुझाव दिए थे। बिहार में शहरी इलाक़े के 74 फीसद और देही इलाक़े में 80 फीसद लोगों को फूड सेक्युर्टी कानून का फाइदा मिलेगा।
उन्होंने बिहार में ज़िराअत पैदावार के शोबे में हासिल कामयाबियों की भी बहस की। कहा कि गेहूं और आलू का यहां रिकार्ड पैदावार हुआ है। हुकूमत का जेहन इस पर है।