बिहार को 12 हजार करोड़ का पैकेज

पटना 19 अप्रैल : बीजेपी-जेडीयू के रिश्तों में आयी खटास के दरमियान मर्कज़ की यूपीए हुकूमत ने जुमेरात को बिहार के लिए 12 हजार करोड़ का पैकेज मंजूर किया। यह पिछली बार से अधिक, पर बिहार की मांग से आठ हजार करोड़ कम है। इसे जेडीयू को लुभाने की कोशिश समझा जा रहा है। लेकिन, बीजेपी-जेडीयू दोनों ने इसे बिहार के साथ नाइंसाफी करार दिया है। इधर, कांग्रेस ने कहा है कि इस पैकेज का कोई सियासती मतलब न निकाला जाये।

मर्कजी हुकूमत ने 12वीं पांचसाला मनसूबे के तहत बिहार को 12 हजार करोड़ रुपये का खुसूसी पैकेज दिये जाने की एलान की है। वजीर ए आज़म डॉ मनमोहन सिंह की सदारत में एक्तासादी मामलों की काबिना कमिटी (सीसीइए) की जुमेरात की शाम हुई मीटिंग में इसकी मंजूरी दी गयी। बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड (बीआरजीएफ) की इस रक़म को बिहार को चार साल में खर्च करना होगा।

बीजेपी-जेडीयू के बिगड़ते रिश्तों के दरमियान रियासत की एनडीए हुकूमत के लिए यह इत्मिनान की बात है कि गुज़िस्ता साल की मुकाबले में मर्कज़ ने रियासत को ज़्यादा रक़म देना क़बूल किया है। ताहम, रियासती हुकूमत मर्कज़ के इस फैसले से मुत्मईन नहीं है। रियासती हुकूमत ने अपनी ज़रुरियात को दरसाते हुए मर्कज़ से बीआरजीएफ में कम-से-कम चार हजार करोड़ रुपये सालाना यानि कुल 20 हजार करोड़ रुपये की मांग की थी ।