पटना : उत्तर बिहार और सीमांचल में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. किशनगंज, अररिया व पूर्णिया में पानी कम हुआ है, तो सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, गोपालगंज व सारण के नये इलाकों में पानी घुस गया है. पिछले 24 घंटे के दौरान उत्तर बिहार में 27 और सीमांचल में 17 लोगों की मौत पानी में डूबने से हो गयी.
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक बाढ़ से 119 लोगों की मौत हो चुकी है. सीतामढ़ी में पुपरी -नानपुर पथ में बहेड़ा जाहिदपुर के पास गुरुवार की देर शाम नाव पलटने से 20 लोग बाढ़ के पानी में बह गये. हालांकि, मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने 15 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया, जिन्हें नानपुर पीएचसी में भरती कराया गया है. शेष पांच लोगों की तलाश में एनडीआरएफ की टीम लगी है.
कटिहार के शहरी क्षेत्र बैगना, छीटाबाड़ी, इसलामपुर, वर्मानगर इलाके सहित कोढ़ा, मनिहारी व मनसाही के नये इलाकों में पानी घुस गया. बनमनखी-सरसी रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन बाधित हो गया है. नॉर्थ इस्ट से पहले ही संपर्क भंग हो चुका है. वहीं, फारबिसगंज में राहत शिविर के बाहर एक सरपंच प्रतिनिधि की पीड़ितों ने पिटाई कर दी.
सहरसा में पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध के बीच नवहट्टा, महिषी, सिमरी बख्तियारपुर व सलखुआ के बाद अब सौरबाजार, सोनवर्षा व पतरघट में बाढ़ का पानी फैल रहा है, जहां लगभग एक लाख लोग प्रभावित हैं.
लोग लगातार ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं. जिले में बाढ़ के पानी में डूब कर मरने वालों की संख्या 12 को पार कर गयी है. बनमनखी-सरसी रेल खंड पर ट्रेन का परिचालन बाधित हो गया है. इसके कारण सहरसा से सियालदह जाने वाली हाटेबजारे एक्सप्रेस को 20 अगस्त तक रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा पटना से पूर्णिया जाने वाली कोसी एक्सप्रेस बनमनखी तक ही जायेगी.
तिलयुगा व खारो बौराई
सुपौल में कोसी नदी फिलहाल शांत है. लेकिन, बारिश के कारण तिलयुगा और खारो नदियों में उफान है, जिससे निर्मली अनुमंडल के अधिकांश भाग जलमग्न हो गये हैं. जिले के सात प्रखंड बाढ़ से प्रभावित है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
पूर्णिया के बाढ़ प्रभावित बायसी अनुमंडल में पानी कम हो रहा है, लेकिन लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. बायसी और बैसा के बीच फकीर टोला पुल भी ध्वस्त हो गया है. उधर परमान नदी पर बना चर्चित पलसा घाट पुल की एक तरफ कटाव तेज हो गया है.
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज, कुमारखंड, चौसा, आलमनगर, उदाकिशुनगंज, ग्वालपाड़ा व मधेपुरा प्रखंड के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है.
लोग जहां-तहां शरण लिये हुए हैं. अररिया जिले में बाढ़ का पानी कमोबेश अब ऊंचे स्थानों से निकल चुका है, पर निचले इलाकों में अब भी पानी जमा है. गुरुवार को पलासी में एक, मदनपुर में एक व रानीगंज में दो की मौत होने की खबर है. फारबिसगंज में राहत शिविर के बाहर आक्रोशित बाढ़पीड़ितों ने एक सरपंच प्रतिनिधि की पिटाई कर दी.
किशनगंज में पानी तो कमा है, लेकिन बाढ़ से आवागमन व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गयी है. जिला मुख्यालय से कोचाधामन, बहादुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ और पोठिया से संपर्क पूरी तरह भंग है.
पश्चिमी चंपारण बेतिया के 11 प्रखंडों की 12 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में है. 150 गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है. नरकटियागंज में ट्रैक पर पानी चढ़ने से कई ट्रेनों का रुट बदला दिया गया है, जबकि एक ट्रेन रद्द है. गंडक बराज से 3.75 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से वीटीआर के जंगल जलमग्न हो गया है.
बगहा एसपी के कार्यालय में अब भी पानी घुसा हुआ है. पूर्वी चंपारण में गुरुवार को बाढ़ से तीन की मौत हो गयी, जबकि चार लोग लापता है. लालबकेया नदी का तटबंध तीन जगहों पर टूट गया. बैरगनिया-कुंडवाचैनपुर के बीच तीन किमी रेलमार्ग क्षतिग्रस्त होने से घोड़ासहन-सीतामढ़ी रेलखंड पर परिचालन ठप है. ढाका, पताही, आदापुर, रामगढ़वा के गावों में भारी तबाही है.
सीतामढ़ी में एक मासूम समेत पांच लोग बाढ़ के पानी में बह गये, जबकि दीवार गिरने से दो सगी बहनों की मौत हो गयी. चोरौत में धौंस नदी व मेजरगंज में बागमती व लखनदेई नदी का बांध टूट गया. परिहार, मेजरगंज, सुरसंड, बथनाहा, सुप्पी, बेलसंड, बथनाहा, सोनबरसा व बैरगनिया में बाढ़ सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है. सोनबरसा व सुरसंड में एसएसबी कैंप व थाने में पानी घुसा हुआ है.
सीतामढी-सुरसंड-बथनाहा हाइवे, सोनबरसा-नेपाल, मेजरगंज-नेपाल, सुप्पी-बैरगनिया व बैरगनिया-नेपाल सड़क पर कई स्थानों पर आठ फुट पानी बह रहा है. सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद है. मधुबनी में कोसी,कमला, भूतही बलान नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. लदनियां-जयनगर सड़क मार्ग बंदझंझारपुर में रेल सह सड़क पुल पर पानी चढ़ा है. परतापुर के पास तटबंध में रिसाव होने लगा है.
गंडक में आयी बाढ़ से एनएच 28 बंद
गंडक नदी में आयी बाढ़ के कारण गोपालगंज में सारण मुख्य तटबंध के सदौवा में टूटने के कारण गुरुवार को बाढ़ का पानी एनएच 28 पर ओवरफ्लो कर गया.
डीएम राहुल कुमार ने हाइवे पर परिचालन पर रोक लगा दी है. 174 गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. असम जानेवाला मुख्य हाइवे बंद होने से पूर्वोत्तर राज्यों का सड़क संपर्क कट गया है. नदी की धारा हाइवे की तरफ से बहने से सीवान और छपरा में भी बाढ़ की आशंका बढ़ गयी है.
गंडक नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण सारण जिले के पांच प्रखंडों की 25 हजार से ज्यादा आबादी बाढ़ से पीड़ित है. मकेर में गंडक के तटीय गांव लगुनिया, बाढ़ीचक, नवकाढ़ा, हैजलपुर, दादनपुर, ठहरा, मसुरिया, हसनपुरा में घरों में पानी प्रवेश कर गया. अचानक बाढ़ आने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गयी. लगुनिया, हैजलपुर, नवकाढा जाने वाली सड़क पर पानी आने से आवागमन बंद हो गया है.
दरियापुर में बाढ़ से प्रभावित गांवों में परसौना, परसादी, ईदिलपुर, बारवें, कोन्हवां, दरिहागंडक नदी में लगातार पानी में हो रहे वृद्धि से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ हैं. तरैया के माधोपुर पंचायत के सगुनी, माधोपुर बड़ा, बनिया हसनपुर, जिमदाहा, अरदेवा, राजवारा गांवों के लगभग 300 परिवारों तथा चंचलिया पंचायत के बिंदटोली व दियारा के लगभग 200 परिवारों ने सारण तटबंध पर पनाह ली है. वहीं अमनौर व पानापुर के निचले इलाकों में भी पानी प्रवेश कर गया है.