बीजेपी को सता रही है अकसरियत की फिक्र

नई दिल्‍ली. हरीफ जमातों में हो सकता है कि बीजेपी के जीतने की उम्मीद के चलते मायूसी बनी हुई हो, लेकिन बीजेपी को खुद इस बात का भरोसा नहीं है कि एनडीए को अकसरियत मिल सकती है।

हरीफ जमातों में बहस का मौजू है कि चुनाव में जीत मिलने के बाद बीजेपी नरेंद्र मोदी की जगह राजनाथ सिंह को व़़जीरे आज़म बना सकती है, लेकिन पार्टी में गुजरात के सीएम के खेमे ने साफ किया है कि चाहे कैसी भी हालत हो, पीएम की कुर्सी पर मोदी ही बैठेंगे। इस खेमे से जुड़े ज़राए का कहना है कि अगर एनडीए को अकसरियत नहीं मिलती और दूसरी पार्टियों से हिमायत लेने की नौबत आई तो उस हालत में भी पीएम की कुर्सी से समझौता नहीं किया जाएगा। जराए का कहना है कि अगर अकसरियत नही मिलती और दूसरों की हिमायत लेने में मोदी को अलग होने की शर्त रखी जाए तो, पार्टी अपोजिशन में बैठना पसंद करेगी लेकिन ऐसा कतई नहीं होगा कि मोदी को छोड़ दिया जाए।

इन्ते़खाबाद के सात मरहले पूरे हो जाने के बाद बीजेपी के कुछ हलकों में अकसरियत को लेकर फिक्र गहरी हो रही हैं। एक हल्के का मानना है कि एनडीए शायद अकसरियत के लिए जरूरी 272 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। बीजेपी अभी तक एनडीए की जीत का भरोसा जता रही है। कई ओपिनियन पोल्‍स में भी एनडीए को को सबसे आगे दिखाया जा चुका है। इसके बावजूद बीजेपी इस मामले में काफी फिक्रमंद।