आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर राज्य के साथ भेदभाव की भावना के साथ काम करने और सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल करके दबाव की राजनीति करने का आज आरोप लगाया।
स्थानीय सिद्धार्थ इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान पर आयोजित तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के तीन-दिवसीय वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न देकर राज्य की जनता के साथ विश्वासघात किया है और आने वाले चुनाव में मतदाता इसका बदला जरूर लेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तिरुपति में राज्य की जनता से किया वादा तोड़ा है और इसका जवाब 2019 के आम चुनाव में इसका परिणाम उसे करारी हार के साथ भुगतना होगा।
टीडीपी प्रमुख ने कहा कि मोदी सरकार की वादा खिलाफी के कारण उनकी पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर निकलने का फैसला किया, क्योंकि वह आत्म सम्मान खोकर गठबंधन में बने रहने को तैयार नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने-धमकाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करने लगी है।
नायडू ने कहा, केंद्र सरकार सीबीआई, ईडी और आईटी विभागों को विपक्षी दलों को डराने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल करती है। भारतीय जनता पार्टी ने राजनीति को गंदा करके रख दिया है। कर्नाटक में राज्यपाल की मशीनरी का दुरुपयोग किया गया।
भाजपा ने सरकार बनाई, लेकिन बी एस येद्दियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक में उन्होंने तेलुगू लोगों से भाजपा के खिलाफ वोट देने को कहा था और उसी का परिणाम है कि उसे पूर्ण बहुमत नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान लगभग ज्यादातार समय केंद्र सरकार को ही अपने निशाने पर रखा।