शहर के इलाके मुशीराबाद में अवाम ने एक बड़े धोका देही के रैकेट को बेनकाब कर दिया। एक भिकारी के पकड़े जाने और उसकी इस्लाहीयत को बेनकाब करने के बाद हैरतअंगेज़ इन्किशाफ़ात का ख़ुलासा करलिया गया।
ताहम अवाम ने उसे मुशीराबाद पुलिस के हवाले कर दिया और सख़्त कार्रवाई का मुतालिबा किया है। बताया जाता हैके एक भीकारी जो ख़ुद को मुस्लमान ज़ाहिर करके गर्दूं के आरिज़ा का शिकार बना रहा था।
पिछ्ले 15 दिन से मुशीराबाद की मुस्लिम बस्तीयों में घूम रहा था। ऑटोरिक्शा में माईक के ज़रीये भीक मांग रहा था और मज़हब के नाम पर दहाई देते हुए अवामी जज़बात का इस्तिहसाल कर रहा था।
पिछ्ले 15 दिन से अपनी बस्ती में मुसलसिल सरगर्म देख कर भूलकपुर के चंद नौजवान चौकस होगए और उस शख़्स से मर्ज़ के ताल्लुक़ दरयाफ़त किया। हमदर्दी के तहत इन नौजवान भूलकपुर ने इस धोकाबाज़ को गांधी हॉस्पिटल मुंतक़िल किया जहां डॉक्टर्स ने इस बात की तसदीक़ करदी के उस शख़्स को जो अपना नाम अकरम बता रहा था गुर्दे का मरीज़ नहीं है।
जिस के बाद नौजवान ने इस से दरयाफ़त किया तो इस ने अपना नाम शेवा बताया जो उत्तरप्रदेश का मुतवत्तिन है। जैसे ही शेवा को हॉस्पिटल मुंतक़िल किया गया इस का साथी फ़रार होगया। नौजवान भूलकपुर ने शेवा के क़बजे से एक डायरी भी बरामद की जिस में हाज़िरी दर्ज थी। दरयाफ़त करने पर पता चला कि इस धोकाबाज़ की तर्ज़ पर शहर भर में तक़रीबन 60 टोलियां सरगर्म हैं जो बीमारी के नाम पर रक़म बटोर रही हैं और रात में ये लोग अफ़ज़ल गंज पुल से मुत्तसिल मुसी नदी के साये में एक जगह जमा होते हैं।
ताहम कौन इस रैकेट का सरग़ना है कौन ये नेटवर्क चला रहा है इस का पता ना होसका। ताहम नौजवानों ने इस बात का शुबा ज़ाहिर किया कि ये लोग सिर्फ़ मुस्लिम इलाक़ों में गशत कर रहे हैं ताहम क्या ये लोग कोई नापाक अज़ाइम का मंसूबा तो नहीं रखते। पुलिस और हुकूमत पर ज़िम्मेदारी हैके उनकी हक़ीक़त को मंज़रे आम पर लाए और बेहतर इक़दामात करें।