मुंबई : बीसीसीआई इंडियन प्रीमियर लीग के मीडिया राइट्स की नीलामी अगले सोमवार को करने जा रहा है, इसमें भारत में टीवी ब्रॉडकास्ट और डिजिटल, विदेश में टीवी और डिजिटल राइट्स शामिल हैं। इससे अगले सीजन में हर फ्रैंचाइजी को कम से कम 150 करोड़ रुपये का फायदा होगा। अगले 5 साल के लिए इनकी नीलामी से 12,000-14,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। हर साल करीब 3,000 करोड़ रुपये की इजाफा होगी. 2018 के बाद से बीसीसीआई इस 3,000 करोड़ रुपये में से 40 पर्सेंट यानी 1,200 करोड़ रुपये 8 फ्रेंचाइजी टीमों के साथ बांटेगा।
अभी हर फ्रैंचाइजी को साल में टीम के संचालन पर 120-150 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इनमें खिलाड़ी की फीस, फ्रैंचाइजी फीस और दूसरे खर्चे शामिल हैं। पिछले सीजन में हर टीम के पास खिलाड़ियों को खरीदने के लिए 66 करोड़ रुपये थे जिसमें से वे ज्यादातर रकम का इस्तेमाल कर चुकी थीं। अगले सीजन से टीमों को फिक्स्ड फ्रैंचाइजी फीस नहीं देनी पड़ेगी। उन्हें बीसीसीआई को अपनी 20 पर्सेंट आमदनी फ्रैंचाइजी फीस के तौर पर देनी पड़ेगी।
एक आईपीएल फ्रैंचाइजी के टॉप एग्जिक्युटिव ने बताया, ‘अभी जो लागत है, उसे देखते हुए लगता है कि अगले साल सभी टीमें ब्रेक-ईवन में आ जाएंगी। अगर खिलाड़ियों की फीस में बहुत अधिक बढ़ोतरी नहीं होती है तो मुनाफा 50 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है।