गुजरात में एक ख़ातून की जासूसी के मामले की पर्दापोशी नहीं की जाएगी और ना इसे बालाए ताक़ रखा जाएगा। मर्कज़ी वज़ीर कपिल सिब्बल ने आज इसका ऐलान करते हुए बी जे पी से ख़ाहिश की कि वो अपने विज़ारत-ए-उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को तबदील करके चीफ़ मिनिस्टर गुजरात के ख़िलाफ़ इस मसले पर तन्क़ीद में शिद्दत पैदा करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि जासूसी का स्कैंडल एक क़ौमी मसला है, इस लिए हुकूमत इस पर संजीदगी से कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि हमें यक़ीन है कि इस सिलसिले में संजीदा कार्रवाई की जाएगी और उसको ना तू पोशीदा रखा जाएगा और बालाए ताक़ रखा जाएगा। जो लोग भी इस में मुलव्विस हो उन्हें सज़ा दी जाएगी। जब उन्हें अख़बारी नुमाइंदों ने कहा कि गुजरात कांग्रेस के सदर अर्जुन मोध वादया ने मर्कज़ पर बरहमी ज़ाहिर की है क्योंकि वो इस मुक़द्दमे से निमटने के सिलसिले में दुरुस्त रवैय्या इख़तियार नहीं कर रही है, उन्होंने कहा कि दो रुकनी तहक़ीक़ाती कमीशन जो इस मसले की तहक़ीक़ात के लिए रियासती हुकूमत की तरफ से क़ायम किया गया है, सिर्फ़ इस मामले की पर्दापोशी की एक कोशिश है।
उन्होंने कहा कि अगर ख़ुद चीफ़ मिनिस्टर गुजरात इमकानी मुल्ज़िम साबित हो तो क्या कार्रवाई की जाएगी। क्या चीफ़ मिनिस्टर और उनके साथियों की मुक़र्रर करदा कमेटी उन के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात का आग़ाज़ कर सकेगी। उन्होंने कहा कि नानावती कमीशन की तरह उस की रिपोर्ट पेश करने के लिए भी एक साल का अर्सा दरकार होगा।
जैसा कि नानावती कमीशन को 20 मर्तबा तौसीअ दिए जाने और ग्यारह साल गुज़र जाने के बावजूद इस ने हुनूज़ अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है। उन्होंने कहा कि सुराग़ रसानी स्कैंडल में अवाम ऐसे रवैय्या को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सिब्बल ने क़ाइद अपोज़िशन लोक सभा-ओ-राज्य सभा सुषमा स्वराज और अरूण जेटली को इस मामले में तन्क़ीद का निशाना बनाया।