जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि 8 जुलाई को बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी के 59 युवाओं ने मिलिटेंट ग्रुप को ज्वाइन किया है। ये जानकारी CID ने सीएम महबूबा मुफ्ती को दी। इस बाबत सदन में विधायक मुबारक गुल ने सरकार से सवाल पूछा था। जिसपर सीएम महबूबा मुफ्ती ने लिखित जवाब दिया कि बुरहान वानी की हत्या के बाद घाटी से 59 युवाओं ने मिलिटेंट ग्रुप को ज्वाइन किया है।
सीएम मुफ्ती के पास गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है। युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए सरकार की तरफ से सरेंडर पॉलिसी अपनाया गया था। सरकार का मकसद हिंसा के मार्ग पर चल रहे युवाओं को सही रास्ते पर लाने की है। सरकार चाहती है कि जो युवा किसी भी वजह से हिंसा के रास्ते पर चले गए हैं वो सरेंडर कर भारत की अखंडता और संविधान को स्वीकार करें। इसके लिए सरकार ने अपने पॉलिसी में बदलाव कर पुनर्वास की नीति को अपनाया है। इस पॉलिसि के तहत युवाओं को कई तरह की मदद दी जाती है।
पुनर्वास नीति के तहत राज्य सरकार की तरफ से उन युवाओं को कई तरह का लाभ दिया जा रहा है। मसलन उन युवाओं के नाम पर 1.5 लाख रुपए फिक्स किया जाएगा। हथियार डालने पर उन्हें कैश रिवॉर्ड दिया जाता है। साथ ही अगले तीन सालों तक सरकार की तरफ से उन्हें 2000 रुपए महीने दिए जाएंगे।
2004 से अब तक 437 मिलिटेंट ने सरेंडर किया है। इनमें से 216 युवाओं को सरकार की इन योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है। हालांकि 219 मामले रिजेक्ट भी किए गए हैं।