बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों की गिरफ़्तारी और महरूसी की लोक सभा में गूंज

नई दिल्ली, 27 फरवरी: (पी टी आई ) हुकूमत ने आज कहा कि दहशतगर्दी का कोई रंग या मज़हब नहीं होता । किसी भी तबक़ा से वाबस्ता किसी भी फ़र्द के साथ तवील मुद्दत तक अगर कोई नाइंसाफ़ी हो रही है या उसे नाहक़ महरूस रखा जा रहा हैं तो इसके ख़िलाफ़ कोई चार्जशीट पेश किए बगै़र सज़ा दी जा रही है तो हुकूमत के इल्म में ये बात लाई जाये , हुकूमत इंसाफ़ को यक़ीनी बनाने के लिए मुनासिब कार्रवाई करेगी ।

लोक सभा में इस मसला को उठाते हुए सी पी आई एम के बासूदेव आचार्य ने इल्ज़ाम आइद किया कि मुस्लिम तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाले कई नौजवानों को नाहक़ 10 से 15 साल से जेलों में महरूस रखा जा रहा है इनमें से चंद नौजवानों को बेगुनाह और बेक़सूर होने पर बादअज़ां रिहा कर दिया गया ।

दहशतगर्दी के इल्ज़ामात में मुस्लिम नौजवानों की अंधाधुंद गिरफ़्तारी का मसला आज लोक सभा में गूंज उठा । हुकूमत पर इल्ज़ाम आइद किया गया कि वो बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों की गिरफ़्तारी और महरूसी का कोई नोट नहीं ले रही है ।

बासूदेव आचार्य के सवाल पर अपने तहरीरी जवाब में मुमलिकती वज़ीर-ए-दाख़िला आर पी एन सिंह ने कहा कि क़ानून रंग और मज़हब की बुनियाद पर किसी के साथ इम्तियाज़ नहीं रखता । अगर चंद नौजवानों को उनके ख़िलाफ़ किसी चार्जशीट के बगै़र जेलों में रखा जा रहा है तो ये बहुत बड़ी बदबख़्ती की बात है ।

उन्होंने लोक सभा को तयक्कुन दिया कि अगर हुकूमत के इल्म में मख़सूस केसेस लाएं जाएंगे तो वो मुनासिब कार्रवाई करेगी । उन्होंने इस बात की तरदीद की कि तवील मुद्दत तक जेलों में मुहर वसी के बाद बेगुनाह व बेक़सूर पाए जाने वाले नौजवानों को राहत नहीं पहुंचाई जा रही है और उनकी बाज़ आबादकारी के लिए हुकूमत ने कुछ नहीं किया है ।

लोक सभा में कई अरकान ने इल्ज़ाम आइद किया कि इस सिलसिला में हुकूमत के दावे बिलकुल ग़लत हैं । मुस्लिम नौजवानों को किसी क़सूर और चार्जशीट के बगै़र ही बरसों से जेलों में रखा गया है । इस सिलसिला में सी पी आई एम के बासूदेव अचार्य ने ये जानने की कोशिश की कि आया तहक़ीक़ाती एजेंसीयों के ख़िलाफ़ हुकूमत ने क्या कार्रवाई की है ।

इन तहक़ीक़ाती एजेंसीयों ने मुस्लिम तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाले बेगुनाह नौजवानों को झूटे मुक़द्दमात में फांसा हैं । इसके जवाब में मुमलिकती वज़ीर-ए-दाख़िला ने कहा कि ताज़ीरात-ए-हिंद की दफ़ा 211 के तहत एक शख़्स को ये हक़ हासिल है कि वो इस केस में मुआवज़ा तलब करे और केस में फंसाया गया है तो इसके ख़िलाफ़ अपील करें ।

किसी भी गिरफ़्तार शख़्स के ख़िलाफ़ 180 दिन के अंदर चार्ज शीट दाख़िल नहीं किया गया तो वो ज़मानत हासिल करने का हक़दार बन जाता है । बी जे पी के यशवंत सिन्हा ने ये जानने की कोशिश की मुजरिमाना मुक़द्दमात में दीगर मज़ाहिब से ताल्लुक़ रखने वाले कितने अफ़राद को गिरफ़्तार किया गया ।

उन्होंने मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे और उनके पेशरू पी चिदम़्बरम की जानिब से किए गए तब्सिरों का भी हवाला दिया । मुमलिकती वज़ीर-ए-दाख़िला ने मज़ीद कहा कि क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी को 2009 में क़ायम किया गया वो दहशतगर्दी और इंतेहापसंदी के 52 केसों से निमट रही हैं ।

समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने दावा किया कि मुस्लिम नौजवानों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमात में किसी भी ऐनी गवाह को नहीं पेश किया गया और ना ही चार्जशीट दाख़िल की गई । लोक सभा में बाअज़ अरकान ने मख़सूस केसेस की तरफ़ निशानदेही की ।

तृणमूल कांग्रेस के सगोता राय ने इल्ज़ाम आइद किया कि यू ए पी ए क़ानून टाडा से ज़्यादा ख़तरनाक है और इसका ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा है ।