पटना : गुजिशता दिनों पटना जंक्शन पर मदरसे में पढ़ने के लिए जाने वाले तल्बा को ट्रेन से जबरदशती उतारने का मामला सामने आया, खबर के मुताबिक रियासत तेलंगाना के एक मदरसा दारुल उलूम मोहम्मदीया, आदिलाबाद के मुहताहिम मौलाना अब्दुल रहीम कासमी अपने मदरसे में तालीम देने के लिए 29 गरीब और नादार तल्बा को ज़िला किशनगंज से वालिदैन की इजाजत व मर्ज़ी से ले जा रहे थे, मौलाना मौसूफ़ के साथ उनके अहेलिया और दो लड़के भी थे।
पटना जंक्शन पर चाइल्ड लाइन के वर्करों ने तल्बा और उनके जेम्मेदारों को ट्रेन से ये कह कर उतार लिया के आप बच्चों को मजदूरी करवाने और दहशतगर्द बनाने के लिए ले जा रहे हैं। तमाम तल्बा का टिकट रिजर्व था। जिम्मेदार के नाम पर केस करने के लिए इंस्पेक्टर पर दबाव डालने लगे लेकिन इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने ज़िम्मेदारी का सुबूत देते 1 अगस्त की सुबह मौलाना अब्दुल रहीम साहब ने इमारते शरिया फुलवारी शरीफ पटना आकार नजीमे आला इमारते शरिया मौलाना अनिसुर्राहमान कासमी को मामला की इत्तिला दी, हज़रत नाज़िम साहब ने बरवक़्त कार्रवाई की और इमारते शरिया का एक वफ़द मौलना अबुल कलाम, ऑफिस सेक्रेटरी मौलाना इफतिखार और मौलवी अब्दुल वदूद को पटना जंक्शन सुरते हाल की तहक़ीक़ के लिए भेजा।
वफ़द सुरते हाल की तहक़ीक़ के लिए सबसे पहले पटना जंक्शन जीआरपी थाना पहुंचा और पुलिस इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार से मुलाक़ात की, पुलिस इंस्पेक्टर ने पूरी ज़िम्मेदारी का सुबूत दिया, वफ़द का हर तरह तावून किया, उनके कहने के मुताबिक तल्बा को चाइल्ड लाइन के वर्करों ने उतारा था। पुलिस ने उनपर कोई ज्यादती नहीं की, और उन्होने बिल्कुल गैर जनबरदारी होकर इंसानियत की बुनियाद पर उनकी हिफाजत की हर मुमकीन कोशिश की और जब उनपर केस दर्ज़ करने का दबाव डाला गया तो उन्होने केश भी दर्ज़ नहीं किया, क्योंकि उनको यकीन था के बच्चे सिर्फ पढ़ने के लिए जा रहे हैं, फिर इंस्पेक्टर की रहनुमाई में एसपी पटना पीएस मिश्रा से वफ़द ने मुलाक़ात की।
एसपी अपनाईयत के साथ वफ़द से मिले और तल्बा के साथ जियादती पर गहरे अफसोश का इज़हार किया और कहा के चाइल्ड लाइन के वर्करों ने गलत किया, किसी भी एनजीओ को बेगैर तहक़ीक़ के ट्रेन से किसी को उतारने का एख्तियार नहीं है और पुलिस इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार को हुक्म दिया के वो चाइल्ड लाइन को पटना जंक्शन से हटाएँ, इस तरह इमारते शरिया की बरवक़्त कार्रवाई और अफ़सरान की जिम्मेदाराना और गैर मुतास्सिबाना सुबूत की बुनियाद पर मामला आसानी से हल हो गया। तमाम बच्चों को एक अगस्त की शाम में हैदराबाद भेजा गया। नजीमे इमारते शरिया मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी ने इस तरह के वाकिया होने पर अपने गहरे अफसोश का इज़हार करते हुये कहा है की मुतस्सीबाना जेहन रखने वाले लोगों से माहौल को साफ रखना चाहते हैं ताकि इस तहर की वाकियात आइंदा रूनुमा न हो।