बेटी होने की मिली ऐसी सजा कि जानकार रूह काँप जाए

नई दिल्ली: माँ एक ऐसा शब्द है जिसे लेते ही परेशानियों में डूबे हर बच्चे को सुकून मिल जाता है। कहा जाता है कि इस दुनिया में कोई आपका साथ दे न दें लेकिन माँ इकलौती ऐसी शख्सियत है जो आपको कभी तन्हा नहों छोड़ सकती। बच्चा दर्द में हो या ख़ुशी में सबसे पहले माँ की ही नाम लेता है। लेकिन जब माँ ही हैवान बन जाएँ तो क्या होगा ? दिल्ली में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां दो मासूम बच्चियों को एक माँ ने लड़की होने की इतनी खौफनाक सजा दी कि सुनकर रूह काँप जाए। भारतीय संस्कृति में पैदा होने लड़की होने का लड़की होने के तौर पे सजा पाना तो उसका जन्मसिद्ध अधिकार माना जाता है। इस देश में लड़की होने का गुनाह उन सभी गुनाहों से ऊपर है जिसके लिए कई आरोपियों को तो सजा भी नही दी जाती।
समाज को जंझोड़ कर रख देने वाला ये मामला भारत की राजधानी दिल्ली के समयपुर बादली इलाके का है जहाँ दो बच्चियों को मुर्दों जैसे हालत में उनके घर से बरामद किया गया है। जिसके बाद हफ्ते भर से भूखी प्यासी दो मासूम बहनों को अस्पताल में भर्ती कराया। इसके पीछे की कड़वी हकीकत कुछ यूं है कि जन्म देने वाले मां-बाप इन्हें मरने के लिए छोड़ दिया था क्योंकि माँ इकलौते बेटे को साथ घर छोड़ कर भाग गई और बाप उन पर सितम ढाता रहा। ये दोनों बच्चियां एक दुसरे का हाथ थामे एक टूटी चारपाई पर मरने की कगार पर ही थी जब पुलिस ने इन्हें कमरे से निकाला और कमरे का ये खौफनाक मंजर देखकर पुलिस वाले भी दंग रह गए। दोनों के सिर पर जगह जगह गहरे घाव और शरीर में सैकड़ों कीड़े रेंग रहे थे। सड़ी गली हालत में दोनों बच्चियों की बस सांसें चल रही थीं। महज 8 साल की हिमांशी और 3 साल की दीपाली का कसूर सिर्फ इतना है कि, वह बेटियां हैं और मां बाप इन्हें बोझ मानते थे। हफ्ते भर से कमरे में बंद इन बच्चियों का पता तब चला जब आसपास के लोगों को कमरे तेज बदबू बाहर आई और देखने पर रोंगटे खड़े करने वाला ये नजारा सामने आया।