वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तान यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने कहा कि वो फ़क़ीर मनिश शख़्स हैं। अपने क़ाइदीन की क़ब्रों के भी वफ़ादार हैं। उन्हों ने कहा कि उन पर कई तरह दबाउ डाला जा रहा है। कभी उन्हें और कभी उन के बेटे को गिरफ़्तार करने की धमकीयां दी जाती हैं लेकिन वो धमकीयों से ख़ौफ़ज़दा नहीं हैं।
उन्हों ने पुरज़ोर अंदाज़ में कहा कि वो फांसी पर लटकने के लिए भी तैयारहैं। लेकिन बेनज़ीर भुट्टो मरहूम और उन के मक्सद से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हों ने कहा कि सिर्फ मौत ही उन्हें बेनज़ीर भुट्टो के मक़सद की तक्मील के लिए जद्द-ओ-जहद करने से रोक सकती है।
उन्हों ने कहा कि वो भुट्टो ख़ानदान के वफ़ादार हैं और किसी भी हालत में इस से ग़द्दारी नहीं करेंगे। पंजाब की हुकूमत के बारे में सवाल का जवाब देते हुए उन्हों ने कहा कि हालाँकि सूबा पंजाब में मुस्लिम लीग क़ैद-ए-आज़म और पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी मुत्तहीदा तौर पर अक्सरीयत के हामिल हैं लेकिन मुस्लिम लीग (नवाज़) की सुबाई हकूमत-ए-पंजाब को इक़तिदार से बेदख़ल करने की कोई कोशिश नहीं करेंगे बल्कि लड़खड़ाती हुई रियास्ती हुकूमत की मदद करेंगे।
उन्हों ने कहा कि इक़तिदार के लिए पसेपर्दा कार्यवाहीयां करने वाले और सयासी पार्टीयां तब्दील करने वाले मुल्क में इन्क़िलाब नहीं ला सकते। वो बेनज़ीर भुट्टो पुल और गैस मंसूबा की तक़रीब इफ़्तिताह के बाद इज्लास आम से ख़िताब कर रहे थे। उन्हों ने कहा कि इन से ज़्यादा कोई भी सरकारी इदारों का एहतिराम नहीं करता। ताहम बेनज़ीर भुट्टो मरहूम के मक़सद की तकमील उन की ज़िंदगी का एक ख़ाब है और वो आख़िरी सांस तक उस की तकमील के लिए जद्द-ओजहद करते रहेंगे।
उन्हों ने कहा कि अगर वो आज भुट्टो ख़ानदान से तर्क-ए-ताल्लुक़ करें तो यही लोग जो उन्हें ग़द्दार क़रार दे रहे हैं