टीचर की पिटाई से पहली क्लास के सात साला तालिबे इल्म सुजीत मुंडा की मौत हो गई। वाकिया बरहे वाक़ेय प्राइमरी स्कूल की है। चान्हो थाना पुलिस ने उसके वालिद की शिकायत पर टीचर अरसद अंसारी के खिलाफ दफा 304 के तहत गैर इरादतन कत्ल का मामला दर्ज किया है। तालिबे इल्म की लाश को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया है। मुल्ज़िम टीचर को मूअतिल कर दिया गया है।
सुजीत के वालिद महादेव मुंडा ने पुलिस को बताया कि मंगल को अरसद अंसारी ने किसी बात पर उसकी डंडे से पिटाई कर दी। घर लौटने पर सुजीत ने उन्हें पिटाई की बात कही और शरीर में दर्द की शिकायत की। बुध को उसे बीजूपाड़ा से दवा लाकर खिलाया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ। इतवार सुबह उसकी मौत हो गई। इस शिकायत के बाद पुलिस ने मुल्ज़िम टीचर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। मामले की जांच करने जब चान्हो पुलिस अरसद के घर गई तो वह घर में नहीं मिले। गौरतलब है कि इस स्कूल में तकरीबन 25 बच्चे पढ़ते हैं। टीचर के नाम पर सिर्फ अरसद अंसारी ही हैं।
सुजीत की मौत के बाद गाँव वाले भड़क उठे। वे बीईईओ समेत दीगर अफसरों को बुलाने की मांग कर रहे थे। जानकारी मिलने के बाद मांडर इंस्पेक्टर फोजैल अहमद बरहे पहुंचे और लोगों से वाकिया की जानकारी ली। वहीं आजसू लीडर शिवनाथ तिग्गा ने मरने वाले के अहले खाना को इक़्तेसादी मदद दस्तयाब कराई।
सुजीत के साथ पढऩे वाले उसके साथी सूरज उरांव व राजू लोहरा वाकिया के चश्मदीद हैं। इन दोनों बच्चों ने अपनी ज़ुबान (सादरी) में बताया कि मास्टर साहब ने मंगल को सुजीत को खड़ा कइर के मोट ले टेम्पा से मारत रहऊ (मास्टर साहब सुजीत को खड़ा करके मोटे डंडे से पिटाई कर रहे थे)। ऊ हमेशा हमीन के मरऊ ला (वह अक्सर हम लोगों की पिटाई करते हैं)। कहीओ-कहीओ स्कूल आऊला (स्कूल भी कभी-कभी ही आते हैं।)
बच्चा मेरे स्कूल का नहीं
सुजीत मेरे स्कूल का तालिबे इल्म नहीं था। मैंने उसकी पिटाई नहीं की है। कैसे क्या हुआ, मुझे नहीं मालूम।
अरसद अंसारी, मुल्ज़िम टीचर