पटना बम धमाकों में जख्मी हुये सीथियो के तारिक की इलाज़ के दौरान हुयी मौत के बाद उसके घर वालों ने उसकी लाश लेने इंकार कर दिया है। उन्होने साफ तौर से कहा के तारिक 27 अक्तूबर को एक जलसा में शिरकत की बात कह कर घर से निकला था। लेकिन हम लोगों को अब तक इस बारे में सही तसदीक़ नहीं हो पायी है के पटना धमाकों में ज़ख्मी होने वाला हमारा तारिक ही है जिस के इलाज़ के दौरान मौत हो गयी है।
घर वालों और गाँव वालों ने ये भी कहा है के अगर इलाज़ के दौरान मरने वला हमारा तारिक ही है। उसके बाद भी हमें इसकी लाश नहीं चाहिए। पटना की किसी मुस्लिम अंजुमन के हवाले करके इसकी वहीं तजहीज़ व तक्फ़ीन करा दी जाये। दूसरी जानिब अंसारी महापंचायत और गाँव के अंजुमन के मुश्तरका ज़ेरे एहतेमाम गाँव में एक दहशत गर्दी मुखालिफ जलसे का एंकाद किया गया। जलसे में मुक़र्ररीन ने कहा के क़सूरवार को सजा ज़रूर मिले लेकिन जो बेक़सूर है। उनको परेशान न किया जाए। मीडिया से भी दरख्वास्त की गयी के वो सबूतों को तोड़ मरोड़ कर बयान न करे। जो सच्चाई है उसे ही पेश किया जाये।