बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को अपनी समस्याओं से निपटने के लिए सलाह दी

करीम‌नगर: सदर मजलिस व सांसद हैदराबाद बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को मश्वरा दिया है कि वो अपने समस्याओं को अदालतों में लाने के बजाय दार अलक़ज़ा-ए‍से लाए करें। ताकि सरकारों को शरई मामलात में हस्तक्षेप करने का अवसर प्रदान न हो सके ।बैरिस्टर ओवैसी आज तेलंगाना के करीम नगर शहर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के जल्से से ख़िताब कर रहे थे सर्कस ग्राउंड में आयोजित‌ होने वाले ये जल्से में मुसलमानो की कसीर तादाद ने शिरकत की।

अपने भाषण को जारी रखते हुए सदर मजलिस ने कहा कि मोदी सरकार‌ तीन तलाक़ देने वालों को तीन साल की जेल की सज़ा का क़ानून बनाएगी और भुगतान करेगी, उन्होंने सरकार‌ से सवाल किया कि तलाक़ देने वाला जेल में बैठ कर किस तरह वज़ीफ़ा देगा उन्होंने मोदी सरकार‌ पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ये सिर्फ़ मुसल‌मानों को सताने की कोशीशें हैं।

उन्होंने विभिन्न इंडियन पैनलकोड का ज़िक्र करते हुए कहा कि तीन साल की सज़ा किस तरह दी जाएगी, उन्होंने कहा कि औरतों से इन्साफ़ सिर्फ़ इस्लाम में किया जाता है, हुकूमत इस्लामी शरीयत में हस्तक्षेप ना करे, समाज की बुराईयां क़ानून से ज़्यादा धार्मिक लोगो को करना है।

हाल में बनाए गए क़ानून का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये क़ानून ग़लत है.शरीयत में हस्तक्षेप है. उन्होंने कहा कि सरकार‌ मौक़ा तलाश कर रही है इस लिए मुसल‌मानों से अपील की कि वो अपने समस्याओं दार अलक़ज़ा-ए-से हल करें। बाबरी मस्जिद के लिए दा-ए-करने की अपील की.उन्होंने देश के सभी धर्मनिरपेक्ष संगठनों से अपील की कि वो अफज़लुल की मौत की निंदा करें, उन्होंने कहा कि अफजलुल की मौत इन्सानियत की मौत है और ये लोकतंत्र की मौत है.उन्होंने आगे उकसा का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये मुसल‌मानों पर ज़ुल्म है.उन्होंने मुसल‌मानों से अपील की कि वो अपनी मस्जिदों को आबाद रखें, शरीयत पर अमल करें और एकजुट हो कर ज़िंदगी गुज़ारें.हिम्मतों को खतम‌ ना करें।