मुंबई १५ दिसम्बर: (पी टी आई) इस्तिग़ासा के कलीदी गवाह बराए 2002 बैस्ट बेकरी गुजरात मुक़द्दमा की यासमीन शेख़ की दरख़ास्त क़बूल करते हुए कि इन की गवाही एक बार फिर कलमबंद की जाये, हाइकोर्ट ने कहा कि ये एक तूलानी अमल होगा।
इस लिए दरख़ास्त की समाअत करने या ना करने का फ़ैसला बाद में किया जाएगा। यासमीन ने फ़रवरी में दरख़ास्त पेश करते हुए इल्ज़ाम आइद किया था कि समाजी कारकुन तीसतासीतलवाद ने उन्हें लालच देकर और गुमराह करके झूटी गवाही देने पर मजबूर किया था जो 17 मुल्ज़िमीन के बारे में थी, जिन में से 9 को मुजरिम क़रार देकर उम्र क़ैद की सज़ा-ए-सुनाई गई है।