ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में रहने अथवा बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) को लेकर गुरुवार को होने वाले जनमत संग्रह से पहले शेयर बाजारों, बॉन्ड और रुपये में उठा-पटक के बीच रिजर्व बैंक ने बुधवार को वित्तीय बाजार में स्थिति सामान्य बनाये रखने के लिये नकदी समर्थन समेत सभी जरूरी कदम उठाये जाने का वादा किया। वहीं सेबी और शेयर बाजारों ने अपने जोखिम प्रबंधन प्रणाली को दुरुस्त किया है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि वह ब्रिटेन में ब्रेक्जिट जनमत संग्रह के नतीजे को लेकर अनिश्चितता को देखते हुए स्थिति पर ‘पैनी नजर’ रखे हुए है। जनमत संग्रह के नतीजे से भारत समेत वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल की आशंका व्यक्त की जा रही है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार के साथ ब्रेक्जिट के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार है।
दास ने कहा, ‘मौजूदा संकेत यह है कि संभवत: ब्रेक्जिट नहीं होगा। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार हैं।’ रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने या बने रहने को लेकर जनमत संग्रह के नतीजे को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है।
इससे भारत समेत वैश्विक वित्तीय बाजारों में उठा-पटक देखी जा रही है। ब्रिटेन के 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ में बने रहने या बाहर निकलने को लेकर बुधवार को जनमत संग्रह होना है। इस मुद्दे को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा जारी है क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों और विनिमय दरों पर असर पड़ सकता है।
भारत का ब्रिटेन समेत यूरोपीय संघ के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार होता है। उसे यूरोप से बड़े निवेश भी प्राप्त होते हैं। ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्तता के बीच बंबई शेयर बाजार उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 47 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।
शुरुआती कारोबार में इसमें 270 अंक की गिरावट आई। वहीं डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार तीसरे दिन गिरावट आई और शुरुआती कारोबार में यह 11 पैसे टूटकर 67.59 तक चला गया था। हालांकि अंत में यह 67.48 के स्तर पर स्थिर रहा।