भगत सिंह से क्यों डरता है संघ ?

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नयी दिल्ली :आज़ादी के मुजाहिदों में सितारों की तरह चमकने वाली देश और दुनिया में प्रख्यात क्रन्तिकारी युवा दिलो की धड़कन शहीद ए आज़म भगत सिंह का नाम भी अब मोदी सरकार को नहीं जंच रहा है, केंद्र के बड़े संस्थानों में संघ से सम्बंधित लोगो को बिठाने के बाद, 2007 में केंद्र सरकार दुवारा प्रस्तावित और पंजाब और हरियाणा सरकारों ने 2009 और 2010 में विधानसभा से चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम “शहीद ए आज़म भगत सिंह एयरपोर्ट” पारित किया था लेकिन अभी की खट्टर की हरियाणा सरकार ने फैसला कर आरएसएस से सम्बंधित मंगल सेन के नाम का एलान किया है, जिससे देश के युवा छात्र शहीदो के परिवार ग़ुस्से में है!

मुजाहिद ए आज़ादी के अपमान को लेकर प्रोफ चमन लाल और भगत सिंह के भांजे प्रोफ जगमोहन सिंह की सरपरस्ती में एक नए आंदोलन “एक्शन कमिटी फॉर भगत सिंह एयरपोर्ट” का गठन हुआ है इस तहरीक के लिए मुतहर्रिक नौजवानअमीक़ जामेई को कन्वीनर और भगत सिंह के भाई के पोते और युवा नेता अभितेज सिंह संधु और कांग्रेस के युवा लीडरशहज़ाद पूनावाला को को-कन्वीनर चुना गया चुना गया है!

“एक्शन कमिटी फॉर भगत सिंह एयरपोर्ट” इसी महीने 25 फरवरी को जंतर मंतर पर संसद का घेराओ करेगी जिसके लिए एक्शन कमेटी राजनैतिक दलों व् सामाजिक संगठनो से मुलाक़ात कर समर्थन हासिल करेगी और उनसे आशा है की राजनैतिक दल इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और सरकार को घेरे!

एक्शन कमिटी के को-कन्वीनर भगत सिंह के भाई के पोते और युवा नेता अभितेज सिंह संधु ने कहा है की मांगे नहीं मानी गयी तो चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर उड़ान भरने नहीं दी जाएगी, इस मामले से संबधित मांग पत्र भी देश के राष्ट्रपति को सौंपा गया है, लेकिन सरकार टस से मस होने को तैयार नही है, पाकिस्तान के युवाओ-सरकार दवरा शादमान चौक का नाम शहीद ए आज़म भगत सिंह की याद में रखने की मुखालिफत जमात उत दावा करे तो समझ में आता है लेकिन अपने मुल्क में शहीद ए आज़म भगत सिंह का RSS क्यों विरोध कर कोई और नाम क्यों दे रही है सरकार समझ में नहीं आता ?

आंदोलन के को-कन्वीनर कांग्रेस के युवा लीडर शहज़ाद पूनावाला ने कहा है की आखिर आज क्या हो गया की देश के युवाओ को शहीद ए आज़म भगत सिंह का नाम बचाने के लिए लड़ना पड़ रहा है? हैरतनाक है की स्वंतंत्रता संग्राम में भारतीय उपमहादीप में आज शहीद ए आज़म भगत सिंह का नाम हो या न हो इस पर बहस हो रही है?

आंदोलन के अग्रणी नेता धीरज गाबा ने कहा की दरअसल आजतक सरकारे नहीं चाहती रही की देश में शहीद ए आज़म भगत सिंह को युवा जाने जिन्होंने सोशलिस्ट, सेक्युलर मुल्क व् शोषणविहीन देश का सपना देखा था, जिन्होंने शोषित वर्ग को शोषण के खिलाफ इंक़ेलाब का हथियार थमाया था, जिसने 23 साल की उम्र में किसान मज़दूर और कामगार को ग़ुलामी की बढ़िया तोड़ने का हुनर दिया दिया था, इसी लिए इसीलिए आजतक कोई भगत-राजगुरु-सुखदेव-अशफ़ाक़ और शहीदो के नाम का राष्ट्रिय स्मारक देश के युवाओ को बना के नहीं दिया गया!

कन्वीनर, अमीक़ जामेई ने कहा की छात्र युवा सरकार को चेतावनी देते कह रहा है की सरकार होश में आ जाये और तुरंत केंद्र सरकार “शहीद ए आज़म भगत सिंह एयरपोर्ट” के नाम का एलान करे, इसी को लेकर हम देश के छात्र युवा को 25 फरवरी को जंतर मंतर पर हज़ारो में इकठा होने का आह्वान करते है,

एक्शन कमेटी ने तमाम प्रगतिशील छात्र-युवा और सामाजिक जनसंगठन से संपर्क करेगी और उनसे आह्वान करती है की वह इस आंदोलन की अगुवाई करे, एक्शन कमेटी कॉलेज स्कूल में जाकर जागरूकता अभियान चलाएगी जिसमे “एक्शन कमेटी फॉर भगत सिंह एयरपोर्ट” के लीडर भी जायेंगे, इसी महीने और चंडीगढ़ में दो प्रेस वार्ता भी रखी जाएगी जिसमे प्रोफ चमन लाल और प्रोफ जगमोहन सिंह शामिल होंगे, अगले हफ्ते जामिया मिल्लिया, जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय, हमदर्द विश्विद्यालय, दिल्ली विश्विद्यालय व् जीडी गोयनका विश्विद्यालय में एक्शन कमेटी के लीडर पहुचेंगे, सूत्रों की माने तो अन्ना हज़ारे भी शहीदो के अपमान को लेकर आंदोलन में कूद सकते है!