भाजपा के चाणक्य से भिड़े त्रिपुरा के मुख्यमंत्री, दिखाये बगावती सुर !

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री आैर भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले राज्य में भाजपा प्रभारी सुनील देवधर के बीच अनबन चल रही है। जिसे लेकर केंद्र भी चितिंत है। इस मामले की जानकारी दोनों नेताआें को जानने वालों ने दी। बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब पिछले कुछ सप्ताह से अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में हैं आैर उन्हें साेशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है ।

 

त्रिपुरा में 25 सालों के माकपा शासन को समाप्त कर भाजपा के जीत का श्रेय इन दोनों नेताआें को ही दिया जा रहा था। लेकिन अब दोनों नेताआें में कुछ अनबन चल रही है। सूत्रों के मुताबिक मार्च में राज्य के चुनाव परिणाम आने के बाद सुनील देवधर ने बिप्लब देब के मुख्यमंत्री बनने को लेकर विरोध किया था। जिस कारण अब बिप्लब देब आैर सुनील देवधर के बीच खटास हो गर्इ है। सुनील देवधर चाहते थे कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सुदीप राॅय बर्मन को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाए ।

दूसरे सूत्रों के अनुसार देब आैर देवधर के बीच के रिश्तों में खटास उनके विवादित बयानों के बाद से आर्इ है। देवधर ने फेसबुक पेज पर मुख्यमंत्री देब के खिलाफ हो रही कुछ महत्वपूर्ण कमेंट को लाइक किया था। साथ ही ये बात भी सामने आर्इ है कि देवधर उन लोगों में से थे जिन्होंने देब के खिलाफ झूठी रिपोर्ट को भी शेयर किया था ताकि बिप्लब देब को प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली तलब किया जाए।

राज्य के भाजपा प्रभारी का कहना है कि मुख्यमंत्री बिप्लब सारे काम अपने ही आदेश के मुताबिक करवाना चाहते हैं। जबकि दूसरे सूत्र ने बताया कि सुनील देवधर प्रावेट इंवेंट में भी हिस्सा लेना शुरू कर चुके हैं। पिछले सप्ताह वे अगरतला एक निजी कंपनी के शोरूम का उद्घाटन करने के लिए गए थे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले महीने त्रिपुरा में भाजपा के राज्य कार्यकारी बैठक के दौरान भी देवधर गायब थे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मंगलवार को अगरतला में हुए श्रमिक सम्मेलन में भी देवधर ने हिस्सा नहीं लिया था ।

 

देवधर ने इन आरोपों को खारिज करते अपनी प्रतिक्रिया दी है आैर कहा है कि मुख्यमंत्री आैर उनके बीच मतभेद की बात सच नहीं है। देवधर ने कहा कि मैं इस राज्य को जीतना चाहता था आैर यह आसान नहीं था इसलिए मैने यहां दो साल बिताएं है। प्रदेश में जीत के बाद अब मैं संगठन के लिए काम कर रहा हूं।

देवधर ने कहा कि भाजपा की कार्यकारी बैठक में न आने के कारण काे बताते हुए कहा कि मैं आरएसएस की आगरा इकार्इ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गया था इसलिए अगरतला में हुर्इ बैठक में नहीं आ सका। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे नहीं याद है कि मैंने देब के खिलाफ किए गए किसी कमेंट को लाइक किया हो। इसके अलावा उन्होंने साफ किया कि मैंने देब के खिलाफ कोर्इ पोस्ट नहीं की थी। देवधर ने कहा कि मैं एक बार चेक जरूर करुंगा।