भाजपा-नेशनल कांफ्रेंस में कोई समझौता नहीं : उमर

श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर में हुकूमत बनाने को लेकर कश्मकश जारी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंदू सीएम की शर्त रखी है, जिसकी वजह से उसकी नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) से ताईद की बात नहीं बन पा रही है। दोनों पार्टियों की कियादत ने जुमेरात को आपसी बैठक होने से इनकार कि या।

मरकज़ी फायनेंस मिनिस्टर अरूण जेटली ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में हुकूमत की तश्कील में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अहम किरदार निभाएगी। वहीं, भाजपा जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने कहा कि यहां भाजपा की ही सरकार बनेगी और वह यहां मुख्तलिफ आप्शन की तलाश में ही आए हैं। दूसरी तरफ, हुकूमत बनाने को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच भाजपा और नेकां ने आपस में किसी भी बैठक से इनकार किया। दोनों ही पार्टियों ने ट्वीट कर यह मालूमात दी।

वज़ीर ए आला से बुध के रोज़ इस्तीफा देने वाले उमर अब्दुल्ला नई दिल्ली से श्रीनगर लौट आए हैं। भाजपा के लीडरों का कहना है कि उनके लीडरों ने अब्दुल्ला से पिछली रात को मुलाकात की, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस के ज़राये का कहना है कि अब्दुल्ला ने भाजपा चीफ अमित शाह और मरकज़ी फायनेंस मिनिस्टर जेटली से मुलाकात कर दोनों लीडरों से आर्टिकल 370 पर उनकी पार्टी का रूख जानना चाहा।

हालांकि, अब्दुल्ला ने इस बात का जोरदार तरदीद किया की भाजपा और उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस में रियासत में सरकार बनाने को लेकर कोई समझौता हुआ है। उन्होंने ट्वीट कर कहा की यह कोरी गप है कि हम भाजपा के साथ मिलकर हुकूमत बनाने जा रहे हैं। जुमेरात के रोज़ दोपहर यहां पहुंचे राम माधव ने नामनैगारों से कहा, जम्मू एवं कश्मीर में सरकार की कियादत का मैन्डेट भाजपा को मिला है। मैं यहां आप्शन की तलाश के लिए ही आया हूं।

उन्होंने कहा कि वह मुख्तलिफ पार्टियों के नुमाइंदो के साथ बैठक करने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस बारे में पूरा ब्योरा नहीं दिया। विधानसभा चुनाव में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को 28, नेशनल कांफ्रेंस को 15 जबकि भाजपा को 25 सीटें मिली हैं। भाजपा के ज़्यादातर लीडर मुफ्ती मोहम्मद सईद की पीडीपी के साथ समझौता करने की बजाए उमर अब्दुल्ला की नेकां से इत्तेहाद करने के खाहिश हैं।

उनका मानना है कि क़ौमी जम्हूरी इत्तेहाद सरकार के पहले मुद्दत में नेकां मरकज़ी हुकूमत में शामिल थी और उमर मरकज़ी कैबिनेट में शामिल थे।

भाजपा ज़राये ने भाजपा की हिंदू सीएम की मांग के सबब नेकां और भाजपा के बीच समझौता खटाई में पड़ गया है। ज़राये के मुताबिक, नेकां भाजपा कियादत वाली इत्तेहाद में शामिल होने के लिए तैयार है, लेकिन उसकी शर्त है कि भाजपा को हिंदू सीएम की मांग छोड़नी होगी।

जेटली ने जम्मू में नवमुंतखिब भाजपा एमएलए के साथ एक बैठक में हिस्सा लेने के बाद नामानिगारो से कहा कि पार्टी ने रियासत में अच्छा मुज़ाहिरा किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने रियासत की 87 में से 76 सीटों पर इलेक्शन लड़ा और सबसे ज़्यादा वोट पाया। जम्मू इलाके में पार्टी को जबर्दस्त मेन्डेट मिला।

काबिल ए ज़िक्र है कि भाजपा मुल्क के इस सरहदी रियासत में “मिशन 44+” के साथ इलेक्शन में उतरी थी, मगर कामयाब नहीं हो पाई। पार्टी को हिंदू आक्सरियत जम्मू इलाके में 24 और मुस्मिल बहुल कश्मीर घाटी में एक सीट ही मिली।

जेटली ने कहा, किसी भी पार्टी को अक्सरियत नहीं मिली। हमें सबसे ज़्यादा वोट मिले। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने हमसे थोड़ी ही ज्यादा सीटें जीतीं। पार्टी निर्दलीय एमेलए के राबिते में है। रियासत में जिसकी भी सरकार बनेगी, भाजपा उसमें अहम किरदार निभाएगी, क्योंकि हमें सबसे ज़्यादा वोट मिले हैं।

इससे पहले, रियासत में भाजपा के इंतेखबी मुहिम की कमान संभालने वाले पार्टी जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने ट्वीट कर सरकार बनाने को लेकर नेकां और भाजपा कियादत के बीच किसी भी बैठक से इनकार किया था। उन्होंने कहा, दिल्ली में भाजपा लीडरों और नेकां कियादत के बीच बैठक की खबरें बेबुनियाद हैं। नेकां लीडर और सुबकदोश सीएम उमर अब्दुल्ला ने राम माधव की बैठक को खारिज करने वाले ट्वीट को रिट्वीट किया।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, बुध से दिल्ली माइग्रेशन पर चल रहे उमर ने मरकज़ी फायनेंस मिनिस्टर अरूण जेटली और भाजपा सदर अमित शाह से मुलाकात की है। खबरों के मुताबिक, नेकां और भाजपा के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके मुताबिक आइंदा छह साल के लिए रियासत में सीएम भाजपा का होगा, जबकि उमर मरकज़ि काबीना में शामिल होंगे।

इस बाबत पूछे जाने पर पीपुल्स डेमोके्रटिक पार्टी (पीडीपी) के तर्जुमान ने कहा कि पीडीपी के साथ इत्तेहाद बनाने को लेकर दबाव बनाने के लिए ही इस तरह की खबरें फैलाई जा रही हैं। तरजुमान ने कहा कि हालांकि अभी हमने इंतजार करने का फैसला किया है।