भारत के रिश्ते सुधारे बगैर पाकिस्तान की तरक्की कर पाना मुश्किल है- इमरान खान

पाकिस्‍तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद इमरान खान ने रविवार को देश के नाम पहला संबोधन दिया। अपने भाषण में वैसे तो इमरान खान ने हर स्तर पर देश को विकास की पटरी पर लाने की बातें कहीं, लेकिन इन सबके बीच उनका सबसे ज्यादा जोर पड़ोसी मुल्क यानी भारत पर ही रहा।

अपने संबोधन में इमरान खान ने ये माना कि भारत के रिश्ते सुधारे बगैर पाकिस्तान की तरक्की कर पाना मुश्किल है। इमरान खान ने साफ कहा कि पाकिस्तान ने अब अपनी दिशा नहीं बदली तो विनाश तय है। आइए जानते हैं पाकिस्तान के नए वजीर ए आजम के पहले संबोधन की खास बातें…

पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने रविवार देर रात राष्ट्र के नाम अपना पहला भाषण दिया। उन्होंने सरकारी खर्चे कम करने, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भ्रष्टाचार, शिशु मृत्युदर, शिक्षा और पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते जैसे मुद्दों पर बात की।

अपने संबोधन में इमरान खान ने आतंकवाद का मुद्दा भी पूरे जोर के साथ उठाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नेशनल एक्‍शन प्‍लान के तहत आतंकवाद से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। आतंकवाद से लड़ने के लिए हम नेशनल एक्‍शन प्‍लान में संशोधन कर उसे और सशक्‍त बनाएंगे।

इमरान ने विदेश नीति पर कहा कि हम पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने की बात कर रहे हैं, क्योंकि जरूरत शांति की है, इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते। हालांकि, इमरान ने अपने भाषण में भारत समेत किसी भी पड़ोसी देश का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया।