भारत को कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार को देना चाहिए

जेद्दाह। पाकिस्तान प्रत्यावर्तन काउंसिल (पीआरसी) की ओर से यहां एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय ‘कश्मीर और मुस्लिम दुनिया के दायित्व ‘ था। संगोष्ठी की अध्यक्षता सऊदी स्तंभकार और पूर्व राजनयिक अली अल-घमदी ने की। अन्य मेहमानों और वक्ताओं में पाकिस्तानी पत्रकार फोरम के महासचिव मोहम्मद जमील राठौर, पाकिस्तान मेमन एसोसिएशन के महासचिव तैयब मूसानी, कश्मीर समिति के मोहम्मद रियाज घुम्मन, पाकिस्तान पीपुल्स समुदाय के शम्सुद्दीन अल्ताफ, समुदाय के नेता मोहम्मद अशफाक बदायूनी, तारिक महमूद और मोहम्मद अमानतुल्लाह समेत अन्य विद्वान भी उपस्थित थे।

संगोष्ठी की अध्यक्षता सऊदी स्तंभकार और पूर्व राजनयिक अली अल-घमदी ने संगोष्ठी के आयोजन पर पाकिस्तान प्रत्यावर्तन काउंसिल का धन्यवाद ज्ञपित करते हुए उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन तो पुराना और अनसुलझा मुद्दा है लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप में शांति के लिए जरूरी है कि ↧भारत को कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार को देना चाहिए। उन्होंने इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव से आग्रह किया कि कश्मीर, फिलिस्तीन, पाकिस्तान, सीरिया में संघर्ष को सुलझाने में वह अपनी भूमिका निभाए।
पीआरसी संयोजक सैयद एहसानुल हक़ ने कहा कि कायदे आजम ने कश्मीर को पाकिस्तान के लिए जीवनरेखा के रूप में घोषित किया था तो हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। पत्रकार सैयद मुसर्रत खलील ने विचार गोष्ठी का आयोजन किया और कश्मीर पर एक लेख प्रस्तुत किया। शायर जमरूद खान सैफी और शेर अफजल ने कश्मीरियों के संघर्ष पर कविताएं प्रस्तुत की।