बालेश्वर, ओडिशा। भारत ने स्वदेश निर्मित सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का आज सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल में कम उंचाई पर आ रही किसी भी बैलिस्टिक शत्रु मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता है।
इस मिसाइल का एक महीने से कम समय में यह दूसरी बार परीक्षण किया गया है और यह बहु स्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
एक रक्षा अधिकारी ने बताया, आज का परीक्षण उड़ान के दौरान इंटरसेप्टर के कई मानकों को मान्यता देने के संबंध में किया गया। उन्होंने साथ ही बताया कि मिसाइल का कम उंचाई पर परीक्षण किया गया।
इंटरसेप्टर ने यहां चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज के प्रक्षेपण परिसर 3 से पृथ्वी मिसाइल से प्रक्षेपित किये गये एक लक्ष्य को भेद दिया। लक्षित मिसाइल का चांदीपुर से करीब दस बजकर दस मिनट पर प्रक्षेपण किया गया।
बंगाल की खाड़ी में अब्दुल कलाम द्वीप में तैनात उन्नत वायु रक्षा एएडी इंटरसेप्टर मिसाइल को करीब चार मिनट बाद ट्रैकिंग रडारों से संकेत मिले और यह शत्रु मिसाइल को हवा में ही नष्ट करने के लिए अपने पथ पर बढ़ गई।
रक्षा अनुसंधान विकास संगठन “डीआरडीओ” के एक वैज्ञानिक ने कहा, यह मिशन सर्वोत्तम था और सटीकता से लक्ष्य को भेदा गया। अधिकारी ने कहा कि यह इंटरसेप्टर 7.5 मीटर लंबी एक चरणीय ठोस रॉकेट प्रणोदक निर्देशित मिसाइल है जिसमें एक नौवहन प्रणाली, एक अत्याधुनिक कंप्यूटर और एक इलेक्ट्रो मेकैनिकल एक्टीवेटर लगा है।
उन्होंने बताया कि इंटरसेप्टर मिसाल का अपना एक सचल प्रक्षेपक, हवा में निशाने को भेदने के लिए एक सुरक्षित डाटा लिंक, स्वतंत्र ट्रैकिंग क्षमता और आधुनिक रडार हैं।