रांची के एक्सआईएसएस मीटिंग हाल में मुनक्कीद सेमिनार से खिताब करते हुये सीपीआईएम पॉलिट बिरो की रुक्न वृंदा करात ने कहा है की हिदुस्तान को हिन्दू कहना गलत है। मौजूदा में कुछ हिन्दू मजहब के ठेकेदार खड़े हो गए हैं। किसी भी मजहब के हों वो सिर्फ हिन्दुस्तानी हैं। वो मुस्लिम आकलियतों की तालीम रोजगार, तरक़्क़ी और तहफ़्फुज़ मामले पर मुनक्कीद अवामी कोन्फ्रेंस से खिताब कर रही थीं। उन्होने कहा की आज एक साथ मिलजुल कर चैलेंज का मुक़ाबला करने की ज़रूरत है। अगर हम असुलों पर मुत्तहिद रहेंगे तो दुनिया की कोई ताक़त हमें तक़सीम नहीं कर सकती। हमरी शहरियत हिन्दुस्तानी है न की हिन्दू की। तारीख को तोड़ मरोड़ कर पेश करने वालों को जवाब देने की ज़रूरत है।
झारखंड में भी ज़मीन को बुनियाद बना कर मुसलमानों और आदिवासियों के बीच टकराव कराया जा रहा है। रांची में ही आदिवासियों की ज़मीन पर रियल स्टेट का कारोबार करके सरमायाकारों को माला माल कराया गया। इस पर आरएसएस जैसी तंजीम खामोश है। इससे कबल अपने खिताब में तीस्ता शीतलवाड ने कहा की कसीर मजहबी हिंदुस्तान में एक दूसरे को इज्ज़त और वकार देने की ज़रूरत है। झारखंड दहशतगर्दी मुखालिफत कमेटी के तर्जुमान रत्न तिरकी ने कहा की समाजी दहशतगर्दी के लिए लोगों को बेदार करना होगा। सेमिनार की सदारत प्रोफेसर रमेश शरण और निजामत नदीम खान ने अंजाम दिये। इस सिलसिले में वृंदा करात और समाजी कारकुन तीस्ता शीतलवाड व मधु मंसूरी को एजाज से भी सर्फ़राज किया गया। कोन्फ्रेंस को अंजुमन इसलामिया के सदर इबरार अहमद, शहनवाज आलम समेत दीगर लोगों ने भी खिताब किया।