एक मुक़ामी अदालत ने आज मुक़ामी मस्जिद की शहादत के सिलसिला में गिरफ़्तार 3 मुल्ज़िमीन की ज़मानत की दरख़ास्तें मुस्तर्द कर दी। चीफ़ जोडीशील मजिस्ट्रेट लोगीश गुप्ता ने एक ख़ानगी कंपनी के डायरेक्टर धर्मेन्द्र गुप्ता, अंजुमन कमेटी पर के क़ासिम अंसारी और रमज़ान शोरगर की ज़मानत की दरख़ास्तें मुस्तर्द कर दी।
इन तीनों को गुज़शता हफ़्ता मस्जिद की शहादत में मुलव्वस होने के सिलसिला में गिरफ़्तार करके अदालती तहवील में दिया गया था। वो अब भी अदालती तहवील में ही हैं। क़लंदरी मस्जिद ख़ानगी कंपनी की जानिब से अंजुमन कमेटी को 65 लाख रुपये अदा करके ख़रीदी गई थी और 19 अप्रैल को उसे शहीद कर दिया गया ताकि इस इलाक़ा तिरंगा पहाड़ी में कानकनी की जा सके।
क़ब्लअज़ीं भिलवाड़ा से ख़ुसूसी इत्तेला की बिना पर रोज़नामा सियासत ने ये ख़बर शाय की थी। मुबय्यना तौर पर इस मस्जिद को शहीद करने में राजस्थान का वक़्फ़ बोर्ड ही मुलव्वस है क्योंकि उसीने मुबय्यना तौर पर इस मस्जिद को शहीद करने की इजाज़त दी थी।
हालाँकि वक़्फ़ बोर्ड के सदर नशीन ने इस इत्तेला की तरदीद की है, लेकिन वक़्फ़ बोर्ड की इजाज़त के बगै़र मस्जिद की शहादत नामुमकिन मालूम होती है।