भोपाल एनकाउंटर: मेरा बेटा आतंकवादी नहीं था, कोर्ट उसे छोड़ने वाली थी इसलिए मार दिया गया

सोलापुर: भोपाल फर्जी एनकाउंटर में मारे गए सिमी के आठ कथित सदस्यों में से एक मोहम्मद खालिद की मां ने कहा है कि उनका बेटा निर्दोश था। खालिद की मां मेहमूदा ने कहा कि मेरा लड़का खालीद आतंकवादी नहीं था, उसको फंसाया गया था। कोर्ट उसको छोड़ने वाली थी इसलिए साजिश करके उसको एनकाउंटर में मार दिया गया। मरने के पहले उसे इंसाफ नहीं मिला, मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, अब मरने के बाद तो उसे इंसाफ दो।

अखबार दिव्य मराठी से बात करते हुए खालिद की मां ने पूरे एनकाउंटर पर सवालियां निशान लगाया है। उन्होंने कहा है कि मेरे बेटे के खिलाफ अदालत में अभी तक आरोप सिद्ध नहीं हुए थे। इससे पहले ही उसे आतंकी मान लिया गया। मुझे उम्मीद थी कि अदालत की तरफ से मेरे बेटे के खिलाफ सकारात्मक फैसला आएगा। भला ऐसी स्थिति में वह भागने की कोशिश क्यों करेगा।

उन्होंने अखबार को बताया है कि 15 दिन पहले दो पुलिस वाले यहां आए थे और उन्होंने कोरे कागज पर सिग्नेचर करने के लिए दबाव बनाया था। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मेरे बेटे के खिलाफ साजिश रच कर हत्या की गई है। मेरे दूसरे बेटे को भी आतंकी बनाकर जेल में बंद कर दिया गया है। अब हमें न्याय चाहिए।

अपने बेटे के साथ खालिद की पत्नी परवीना।
अपने बेटे के साथ खालिद की पत्नी परवीना।

वहीं खालिद की पत्नी परवीना ने अखबार को बताया कि मेरे पति पहली बार 2013 में गिरफ्तार किया गया। उन्हें हाथ-पैर बांधकरले जाया गया। इससे उनके पांव की नस दब गई थी और वो सही ढंग से चल-फिर पाने असमर्थ हो गए। परवीना ने जेल प्रशासन के दावों पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि वो सही से चल-फिर नहीं पाते थे तो  जेल की इतनी ऊंची दीवार फांदकर 8 से 10 किलोमीटर कैसे चल सकते थे? मैं चार साल पहले भोपाल गई थी, वहां आरोपियों से मुलाकात के दौरान कड़ा पुलिस का पहरा था, कोई भी बाहर नहीं जा सकता था। उन्होंने कहा कि जेल से भागने के बाद मेरे पति के पास नए कपड़े और किताबे कहां से आ गई?  पुलिस का बंदोबस्त क्यों कम हो गया? सभी सीसीटीवी कैमरे क्यों बंद कर दिए गए? परवीना ने कहा कि उनके पति को जेल से निकाल कर मार डाला गया। यह कलंक अब कभी धुल नहीं पाएगा।

मोहम्मद खालिद महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले थे। रक्षाबंधन और भाईदूज के अवसर पर कानूनन कैदियों के परिवार को उनसे मिलने का अधिकार है। अखबार के मुताबिक सोमवार की सुबह खालिद की मां और उसकी बहन भोपाल के लिए निकले थे। वे अभी बेलापुर ही पहुंचे थे कि खालिद के एनकाउंटर हो जाने की खबर मिली। उसके बाद वे लोग सोलापुर लौट आए। उसके बाद मंगलवार को सोलापुर के पुलिस अधीक्षक ने खालिक के घर वालों से मुलाकात किया और बताया कि शांति व्यस्था बनाए रखने के लिए भोपाल में खालिद का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया है

मोहम्मद खालिद महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले थे। खालिद एक विचाराधीन कैदी थे, उनपर खंडवा में और रतलाम जिले में भी एटीएस के जवानों की हत्या आरोप था। इसके अलावा उनपर दो नागरिकों की दिनदहाड़े हत्या करने, देशद्रोह, बैंक डकैती, लूट-पाट करने का आरोप था। 2002 में खालिद की शादी परवीना से हुई थी। उनके जैद (13), उकाशा (12), माज (10) और खांसा (6) नाम के, तीन बेटे और एक बेटी है। खालिद का भाई इरफान भी भोपाल की जेल में बंद है। उसके भी तीन बच्चे हैं। खालिद की तीन बहने हैं और तीनों की शादियां हो चुकी हैं। खालिद और इरफान के बच्चों की जिम्मेदारी मां मेहमूदा ही संभाल रही है।