मुंबई। एकनाथ खडसे के इस्तीफे को कुछ राजनीतिक जानकार बीजेपी के फायदे के तौर पर देख रहे हैं। उनका कहना है कि इससे पार्टी की ‘भ्रष्टाचार मुक्त सरकार’ वाली छवि और मजबूत होगी। लेकिन जानकारों का तबका ऐसा भी है जो मानता है कि इस फैसले पर बीजेपी के पास अपनी पीठ थपथपाने की ज्यादा वजहें नहीं हैं। कैबिनेट से बाहर हुए खडसे अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और रावसाहब दानवे की राह में कांटा साबित हो सकते हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम से कथित संपर्क और जमीन घोटाले के आरोप में फंसे महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया था।
शनिवार को खडसे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफे का ऐलान किया। इसके कुछ देर बाद ही बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने हमारे सहयोगी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि खडसे का बाहर जाना बीजेपी के लिए ज्यादा मुश्किल हालात पैदा करेगा, जितना कि वह उनके मंत्री पद पर बने रहने से न करता। बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि कैबिनेट से खडसे की विदाई पार्टी के अंदर जातिगत विवाद पैदा कर सकता है।
बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा,’खडसे, जोकि लेवा पाटील हैं, वह अपने आपको ‘शहीद’ की तरह पेश कर सकते हैं, जोकि गलत होगा। वे खुद को ऐसे पेश कर सकते हैं जिसे बीजेपी और संघ परिवार में ऊंची जाति के लोगों ने अपमानित किया है। अगर ऐसा होता है तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए धब्बे की तरह होगा।