तारीख़ी मक्का मस्जिद की निगहदाश्त में हुकूमत और आरक्योलोजीकल सर्वे ऑफ़ इंडिया की लापरवाही के नतीजा में मस्जिद की छत को ख़तरा लाहक़ हो चुका है। इस तारीख़ी मस्जिद की छत ना सिर्फ़ बोसीदा होचुकी है बल्कि छत का कुछ हिस्सा हालिया अर्सा में गिर पड़ा।
इस सूरते हाल का इन्किशाफ़ आज उस वक़्त हुआ जब डायरेक्टर अक़लीयती बहबूद मुहम्मद जलाल उद्दीन अकबर ने आरक्योलोजीकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के ओहदेदारों के साथ मक्का मस्जिद का मुआइना किया।
मुआइना के दौरान आरक्योलोजीकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के ओहदेदार भी ये देख कर हैरत में पड़ गए कि मस्जिद की छत का ऊपरी हिस्सा मख़दूश हो चुका है और बारिश का पानी बाआसानी छत से गुज़र कर मस्जिद के अंदरूनी हिस्सा में दीवारों और छत को मुतास्सिर कर रहा है।
अगर इस जानिब फ़ौरी तवज्जा नहीं दी गई तो मानसून के आग़ाज़ के बाद छत मज़ीद मुतास्सिर हो सकती है। डायरेक्टर अक़लीयती बहबूद की तवज्जा दहानी पर आरक्योलोजीकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के ओहदेदारों ने तामीर और मुरम्मत के सिलसिला में फ़ौरी ऐक्शन प्लान तैयार करने का फ़ैसला किया।
अंदरून एक हफ़्ता तामीरी कामों के सिलसिले में मंसूबा को क़तईयत दी जाएगी। तवक़्क़ो है कि इस काम पर एक करोड़ रुपये से ज़ाइद का ख़र्च आएगा। डायरेक्टर अक़लीयती बहबूद ने वाज़ेह कर दिया कि अगर तारीख़ी इमारतों की निगहदाश्त से मुताल्लिक़ बजट से इस काम की तकमील नहीं की जाए तब भी महकमा अक़लीयतीबहबूद हुकूमत से इस रक़म की मंज़ूरी हासिल करेगा।
डायरेक्टर अक़लीयती बहबूद ने मस्जिद के लाॶड स्पीकर सिस्टम को तबदील करते हुए असरी सिस्टम हासिल करने की हिदायत दी। अंदरून एक हफ़्ता तामीर और मुरम्मत के काम का तख़मीना तैयार कर लिया जाएगा।