हुकूमत और पुलिस ने मक्का मस्जिद बम धमाका के बाद जिस सरअत के साथ सेक्यूरिटी इंतेज़ामात किए थे उन सेक्यूरिटी इंतेज़ामात की क़लई आज उस वक़्त खुल गई जब सेक्यूरिटी अहलकार हत्ताकि सी सी टी वी कैमरों के निगरान ने भी आज अपनी ज़िम्मेदारी अदा नहीं की बल्कि सब के सब एक साथ गैर हाज़िर रहे जिस की वजह मुलाज़मीन की तनख़्वाहों की अदम इजराई है।
हुकूमत सरकारी मुलाज़मीन को पहली तारिख पर ही तनख़्वाह जारी कर देती है लेकिन मक्का मस्जिद और शाही मस्जिद के 50 मुलाज़मीन के साथ रवा सुलूक से ऐसा महसूस होता है कि हुकूमत की जानिब से उम्दन इन मुलाज़मीन को हिरासाँ करने की पॉलीसी इख़्तियार की गई है। आंध्र प्रदेश महकमा अक़लीयती बहबूद के निगरान वज़ीर को बारहा तवज्जा मबज़ूल करवाए जाने के बावजूद मसअले की अदम यकसूई से अंदाज़ा होता है कि ख़ुद वज़ीर अक़लीयती बहबूद को इन मुआमलात से दिलचस्पी नहीं है।
मक्का मस्जिद मुलाज़मीन के मसाइल की यक्सूई ना सिर्फ़ अर्से दराज़ से तात्तुल का शिकार है बल्कि तनख़्वाहों की इजराई में ताख़ीर का नया मसअला शुरू हो चुका है जिस के बाइस मुलाज़मीन मक्का मस्जिद दीगर कामों को इख़्तियार करते हुए ज़रीए मआश तलाश करने में मसरूफ़ हैं।
आज सेक्यूरिटी अहलकारों की अदमे मौजूदगी और गैर हाज़िरी के मुताल्लिक़ मक्का मस्जिद के ज़िम्मेदारों से दरयाफ़्त करने पर उन्हों ने इस बात की तौसीक़ करते हुए कहा कि बम धमाकों के बाद से मस्जिद के अहाता में किसी को भी बैग के हमराह दाख़िला की इजाज़त नहीं दी जा रही थी लेकिन आज सैयाहों की बड़ी तादाद को साजो सामान के इलावा बैग्स वगैरह के साथ अहाता में गश्त करते देखा गया।
हुकूमत की जानिब से मक्का मस्जिद मुलाज़मीन की तनख़्वाहों की इजराई के मुआमला में इख़्तियार कर्दा मौक़िफ़ के मुताल्लिक़ बाअज़ लोगों का एहसास है कि ये हुकूमत की जानिब से सौतेलापन है या फिर नाक़ाबिले समझ मौक़िफ़ है लेकिन हक़ीक़त इस के बरअक्स है चूँकि हुकूमत हड़तालों के दरमियान भी मुलाज़मीन की तनख़्वाहों की इजराई में नाकाम नहीं हुई लेकिन तारीख़ी मक्का मस्जिद के मुलाज़मीन को ताख़ीर से तनख़्वाहों की इजराई को मामूल बना चुकी है।