मक्का में हैदराबादी रुबात में क़ियाम के मसले पर तात्तुल बरक़रार

आंध्र प्रदेश के आज़मीने हज्ज के मक्का मुकर्रमा में वाक़्ये रुबात में क़ियाम का मसला अभी भी तात्तुल का शिकार है। नाज़िर रबात हुसैन शरीफ़ ने इस सिलसिले में सेंटर्ल हज कमेटी से ख़ाहिश की के वो जल्द इस मसले की यकसूई करे।

बसूरते हज 2014 के लिए रुबात की सहूलत फ़राहम करने से वो क़ासिर रहेंगे। वाज़िह रहे कि हैदराबादी रुबात में क़ियाम के मसले पर औक़ाफ़ कमेटी, निज़ाम ट्रस्ट और नाज़िर रुबात के दरमयान तनाज़ा से पिछ्ले साल रियासती आज़मीने हज्ज इस सहूलत से महरूम रहे।

नाज़िर रुबात ने सेंट्रल हज कमेटी पर वाज़िह कर दिया है कि अगर रुबात में क़ियाम के सिलसिले में उनकी तरफ से ऑनलाइन फ़हरिस्त को मंज़ूरी दी गई तो वो मज़ीद एक और इमारत किराये पर हासिल करने तैयार हैं क्युंकि हिर्म की तौसीअ के सिलसिले में रुबात की एक इमारत मुनहदिम की गई।

नाज़िर रुबात ने कहा कि अगर सेंट्रल हज कमेटी उनकी तसरीह को मंज़ूरी देगी तो वो एक और इमारत हासिल करने तैयार हैं। इस मसले पर ऐडीटर सियासत जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने भी अपने मकतूब के ज़रीये कौंसिल जनरल हिंद बराए जेद्दाह की तवज्जा मबज़ूल करवाई थी।

उन्होंने तवज्जा दिलाई थी कि अगर रुबात में क़ियाम के मसले की यकसूई नहीं की गई तो फिर रियासत के 250 आज़मीन रुबात में क़ियाम की सहूलत से महरूम होजाएंगे और उन पर ज़ाइद माली बोझ आइद होगा।

सेंट्रल हज कमेटी ने 21 फ़रवरी को सेक्रेटरी औक़ाफ़ कमेटी एच ई एच्दी निज़ाम को मकतूब रवाना करके नाज़िर रुबात से मज़ाकरात के ज़रीये मसले की यकसूई करली जाये ताकि हज 2014 के आज़मीन को दुशवारी ना हो।

चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर सेंट्रल हज कमेटी ने कहा कि पिछ्ले साल तनाज़ा के बाइस आज़मीने हज्ज को किराये की रक़म अदा करनी पड़ी थी।मकतूब में बताया गया है कि हज 2014 के लिए रुबात में क़ियाम से मुताल्लिक़ रुबात हुक्काम की तरफ से मकतूब की इजराई की आख़िरी तारीख़ 10 जून मुक़र्रर की गई है।

जो आज़मीने रुबात में क़ियाम के ख़ाहिशमंद हैं उन्हें चाहीए कि वो मुताल्लिक़ा रुबात हुक्काम से अलाटमेंट लेटर हासिल करके 10 जून से पहले सेंट्रल हज कमेटी में दाख़िल करदें।

10 जून के बाद मौसूल होने वाली दरख़ास्तों पर ग़ौर नहीं किया जाएगा। मकतूब में कहा गया है कि हिंदुस्तानी रबातों के हुक्काम अपनी गुंजाइश के एतेबार से अलाटमेंट लेटर्स जारी करेंगे।

चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर ने वाज़िह कर दिया कि रुबात हुक्काम की तरफ से किसी भी ताख़ीर के लिए सेंट्रल हज कमेटी ज़िम्मेदार नहीं होगी। इन हालात में औक़ाफ़ कमेटी एच ई एच्दी निज़ाम को चाहीए कि वो नाज़िर रुबात से मुज़ाकरात करके मुआमले की फ़ौरी यकसूई करें ताकि जारीया साल आंध्र प्रदेश के आज़मीने हज्ज रुबात में क़ियाम की सहूलत से महरूम ना रहें।