मग़रिब की वरग़लाने की पालिसी ग़ैर मुन्सिफ़ाना : ईरान

ईरान ने आज दीगर ममालिक को इस के ख़िलाफ़ वरग़लाने की मग़रिबी पालिसी पर शदीद तन्क़ी (दनिंदा ) की और न्यूक्लीयर प्रोग्राम के ख़िलाफ़ सख़्त तहदीदात(पाबंदी) ख़त्म करने में ना वाबस्ता तहरीक (नाम) से तआवुन (मदद) की ख़ाहिश की, जबकि नाम चोटी कान्फ़्रैंस में शिरकत के लिए तक़रीबन 120 ममालिक बशमोल हिंदूस्तान से मंदूबीन यहां जमा होना शुरू होगए हैं।

वज़ीर-ए-ख़ारजा (विदेश मंत्री )ईरान अली अकबर सालही ने कहा कि हमारा ये ईक़ान है कि एक दूसरे के ख़िलाफ़ उकसाने और वरग़लाने के इलावा तौहीन आमेज़ रवैय्या बिलकुल्लिया ग़लत और ना इंसाफ़ी पर मबनी है।

इस के नतीजा में बैन-उल-अक़वामी तआवुन (मदद) का अमल कमज़ोर हो जाएगा जिस से अक़वाम-ए-मुत्तहिदा मंशूर के मक़ासिद की तकमील नहीं होपाए गी।

ना वाबस्ता तहरीक रुकन ममालिक के ओहदेदारों से इफ़्तिताही ख़िताब करते हुए सालही ने कहा कि इस में कोई शुबा नहीं कि जो ममालिक ऐसी पालिसीयां इख़तियार कर रहे हैं वो बहुत जल्द नाकामी का मुंह देखेंगे।

120 ना वाबस्ता से वाबस्ता ममालिक के ओहदेदारान आज यहां जमा हुए ताकि जुमेरात और जुमा को होने वाले चोटी इजलास के एजंडा को क़तईयत दी जा सके। वज़ीर-ए-आज़म (प्रधान मंत्री)मनमोहन सिंह भी इस चोटी इजलास में शिरकत कर रहे हैं।

वो ईरान के रुहानी रहनुमा आयत-उल्लाह सय्यद अली ख़ामना ई और सदर ईरान महमूद अहमदी नज़ाद से भी मुलाक़ात करेंगे। ए हिंदूस्तान ने जो ना वाबस्ता तहरीक का अहम रुकन है ,

इस कान्फ़्रैंस में ना सिर्फ शिरकत बल्कि वज़ीर-ए-आज़म (प्रधान मंत्री) मनमोहन सिंह ने आयत-उल्लाह ख़ामना ई और सदर महमूद अहमदी नज़ाद से मुलाक़ात का भी फ़ैसला किया है।

हिंदूस्तान ने ईरान के साथ रवाबित के मुआमले में अमरीका के दबाव को नजर अंदाज़ करदिया हालाँकि अमरीका मुसलसल ये दबाव डाल रहा है कि ईरान से करोड़ ऑयल की दर आमदात कम की जाय ।
अमरीका का ये इस्तिदलाल है कि ईरान पर तहदीदात(पाबंदी) को मूसिर बनाने के लिए करोड़ ऑयल पर हिंदूस्तान का इन्हिसार कम होना चाहीए।

हिंदूस्तान का ये मौक़िफ़ है कि सिर्फ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के ज़रीया आइद की जाने वाली तहदीदात(पाबंदी) पर अमल आवरी का वो पाबंद है।