नागपुर, सियासत न्युज ब्युरो प्रेट्र। कानुनि खिलाफ वर्जी से जुडे मामलों में बिना किसी कारण के हुक्म जारी करने पर बांबे हाई कोर्ट ने मजिस्ट्रेटों को आगाह किया है।
अदालत ने अपनी सख्त तन्किद में कहा है कि संज्ञेय मुजरीमिन की जांच का हुक्म देने से पहले मजिस्ट्रेटों को दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए।
हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने सियासी लोगो को साधने के लिए अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 के उसुलो के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए बहुत फिकर मन्दी जाहिर कि।
जस्टिस पीएन देशमुख और जस्टिस भूषण गवई की बन्च ने आपराधिक न्याय व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों की तन्किद की। प्रोन्नति न देने पर वरिष्ठ अधिकारियों पर गलत नीयत और भेदभाव का इल्जाम लगाने वाले पुलिस अफसर शशिकांत शिंदे को अदालत ने कड़ी फटकार लगाई।