मुजफ्फरपुर 24 अप्रैल : क़त्ल के मामले में 12 साल से पुलिस रिकार्ड में फरार चल रहे एक सूबेदार को मंगल की सुबह खुसूसी पुलिस टीम ने ड्रामे अंदाज में लक्ष्मी चौक से गिरफ्तार कर लिया। शहर थाने में पूछताछ के बाद उसे बरुराज पुलिस के हवाले कर दिया। वही सूबेदार को जेल भेज दिया गया है।
मालूमात के मुताबिक, 2001 के पंचायत इन्तेखाबत के वक़्त से ही क़त्ल के मामले में फरार चल रहे सूबेदार अरुण कुमार सिंह पर 12 साल से वारंट जारी था। पीर को एसएसपी सौरभ कुमार ने फरार सूबेदार को दबोचने के लिए खुसूसी टीम का इन्काद किया था, जिसमें शहर थाने के दारोगा शैलेंद्र कुमार सिंह और मो अरमान अशरफ को शामिल किया गया। पुलिस टीम ने सूबेदार के आबाई गांव में छापेमारी की, लेकिन वह गांव में नहीं मिला।
छानबीन में पता चला कि वह ब्रह्नापुरा थाना इलाके के लक्ष्मी चौक के आसपास किराये के मकान में रहता है। गांव में छापेमारी के बाद पुलिस टीम वापस लौट रही थी, इसी बीच मंगल सुबह 4 बजे फरार सूबेदार को पैदल जाते देख पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया। उसने बताया कि वह स्टेशन से लौट रहा था। 30 अक्तूबर 2010 को बरुराज पुलिस ने सूबेदार अरुण सिंह और अशोक सिंह को फरार मानते हुए इलज़ाम लेटर वाकिफ किया गया था।
क्या था मामला
2001 के पंचायत इन्तेखाबत के दौरान मोतीपुर ब्लाक के मंगुराहां ताजपुर पंचायत में गोलीबारी की वारदात हुई थी, जिसमें राहगीर साहेबगंज थाना इलाके के सरैया कचहरी टोला रिहायसी रामजी पंडित की गोली लगने से मौत हो गयी। वही पीपरा रिहायसी नागेंद्र दूबे, लोकेश सिंह और रघुवंश दूबे जख्मी हो गये थे।
इस मामले में चाचा भदई पंडित के बयान पर बरुराज थाना में मामला तादाद 15/2001 दर्ज किया गया था। मुखिया उम्मीदवार बबुरवन रिहायसी अशोक सिंह, सिपाही अरुण सिंह (अब सूबेदार) ताजपुर रिहायसी विजय भूषण सिंह, अरुण सिंह अरु संजय सिंह पर एफआरआइ दर्ज की गयी थी। मौजूदा में सूबेदार को छोड़ कर तमाम आयद जमानत पर बाहर है।