ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुल्क में मदरसों को लेकर पैदा हुई गलफतफहमियों को दूर करने के लिए मदरसों के प्रोग्रामों और दिगर मुस्लिम तकरीब में दूसरे फिर्कों व तंज़ीम के लोगों को भी दावत देने की पैरवी की है|
पर्सनल लॉ बोर्ड के तर्जुमान अब्दुल रहीम कुरैशी ने कहा, ‘मदरसों को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां हैं| ऐसी गलतफहमी है कि मदरसों में दहशतगर्दी की तालीम दी जाती है और उसमें बम बनाए जाते हैं| इन गलतफहमियों को दूर करने की जरूरत है ताकि समाज में नफरत को खत्म किया जा सके|.’
उन्होंने कहा, ‘हमारा सुझाव है कि इन गलतफहमियों को दूर करने के लिए मदरसों और मुसलमानों के दूसरे प्रोग्रामों में गैर मुस्लिम लोगों को बुलाया जाए. ऐसा करने से लोगों की गलतफहमियां दूर होंगी|’ कुरैशी ने अपने हवाले से एक हिंदी अखबार में छपी उस खबर को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि पर्सनल लॉ बोर्ड ने मदरसों के प्रोग्रामों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के लोगों को बुलाने की पैरवी की है|
उन्होंने कहा, ‘मैंने किसी तंज़ीम का नाम नहीं लिया है| मेरा सिर्फ इतना कहना है कि मदरसों के लोग अपने सतह से समाज में दूसरे फिर्को के लोगों को अपने यहां के प्रोग्रामों में बुला सकते हैं|’ गौरतलब है कि पिछले दिनों बीजेपी एमपी साक्षी महाराज ने कहा था कि मदरसों में दहशतगर्दी की तालीम दी जाती है, उनके इस बयान को लेकर खासा तनाज़ा खड़ा हुआ था|
मरकज़ की हुकूमत की ओर से मदरसा की जदीदकारी के लिए बजट में किये गए 100 करोड़ रुपये के बारे में कुरैशी ने कहा, ‘सरकार इस बारे में अभी कोई मुहिम य मंसूबे सामने लेकर नहीं आई है| जब वह कोई मंसूबा सामने लेकर आती है तो फिर बात की जाए| इस बारे में हम अपने सतह से सरकार के साथ बातचीत की कोई पहल नहीं करेंगे|’