मदारिस में तालीमी-ओ-अख़लाक़ी माहौल बनाने पर ज़ोर

ज़हीराबाद, 09 अप्रेल: सेक्रेटरी आईटा ज़िला मेदक जनाब मुहम्मद निज़ामुद्दीन ने कल शाम यहां आल इंडिया आई डी एल टीचर्स एसोसी एष्ण ज़हीराबाद यूनिट के ज़ेरे एहतिमाम मुनाक़िदा तआरुफ़ी-ओ-तरबियती इजलास के शुरका को मुख़ातिब करते हुए कहा कि आईटा तंज़ीम असातिज़ा बिरादरी की एक ऐसी मुस्तहकम और मोतबर कुल हिंद सतह की तंज़ीम है जिस का बुनियादी मक़सद तालीमी, इल्मी और नज़रियाती महाज़ पर इसलाम की नुमाइंदगी करना है जबकि असातिज़ा की दीगर तनज़ीमें सिर्फ़ असातिज़ा के मुफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ के लिए कोशां रहती हैं।

उन्होंने आईटा की ज़हीराबाद यूनिट को ज़िला मेदक की एक मिसाली यूनिट क़रार दिया और कहा कि ये यूनिट सारी रियासत के लिए एक मिसाली साबित होगी। जनाब मुहम्मद इरशाद अहमद सेक्रेटरी आईटा ज़हीराबाद यूनिट ने आईटा के अग़राज़-ओ-मक़ासिद पर रोशनी डालते हुए कहा कि तालीमी इदारों में बेहतर तालीमी-ओ-अख़लाक़ी माहौल पैदा करना चाहिए। जनाब मुहम्मद सुलतान आज़म सदर यूनिट एस आई ओ ने तालीम को जाहिलिय्यत के असरात से पाक करने और इस्लामी नज़रिये तालीम को फ़रोग़ देने की अहमियत को उजागर किया।

जनाब मुहम्मद इमरान अहमद ख़ान नायब सदर ने असातिज़ा की अफ़रादी-ओ-इजतिमाई ज़िंदगी को इस्लामी तालीमात के सांचे में ढालने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। जनाब ज़मीर अहमद ख़ान ख़ाज़िन ने तलबा‍ की फ़िक्री, इल्मी और‌ अख़लाक़ी रहनुमाई करने को वक़्त का अहम तक़ाज़ा क़रार दिया। रुकन मजलिसे शौरा ज़िला मेदक जनाब मुहम्मद अबदुलसमी और जोइंट सेक्रेटरी जनाब मुहम्मद अय्याज़ुद्दीन ने ज़हीराबाद यूनिट की कारकर्दगी की सताइश करते हुए मुबारकबाद पेश की।

सदर आईटा ज़हीराबाद यूनिट जनाब मुहम्मद नज़ीरुद्दीन ग़ौरी ने कहा कि आईटा, असातिज़ा के जायज़ हुक़ूक़ के हुसूल के लिए जद्द-ओ-जहद करने के साथ साथ असातिज़ा को फ़राइज़ मंसबी की अंजाम दही में कोताही से काम लेने के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद करती है। इजलास का आग़ाज़ मुआविन नशर-ओ-इशाअत ज़हीराबाद यूनिट जनाब मुहम्मद क़ैसर ग़ौरी की तज़कीर बिलक़ुरआन से हुआ। इस मौक़े पर असातिज़ा जनाब मुहम्मद मुईनुद्दीन, जनाब मुहम्मद आसिफ़, जनाब मुहम्मद रिज़वान, जनाब मुहम्मद अबदुलक़य्यूम, जनाब मुहम्मद अब्दुलनईम, जनाब मुहम्मद ग़ौसुद्दीन, जनाब ग़ुलामे मुस्तफ़ा, मुहम्मद फ़ज़ल अहमद, जनाब मुहम्मद अब्दुलमुतल्लिब, मुहम्मद नसीरुद्दीन के बिशमोल दीगर असातिज़ा की कसीर तादाद मौजूद थी।