काठमांडू। नेपाल के नए संविधान में उपेक्षा से नाराज मधेशी नेताओं ने अब सरकार पर दबाव बनाने के लिए चीन का दरवाजा खटखटाया है। चीनी राजदूत वू चुंताई से मधेशी फ्रंट के नेताओं ने शुक्रवार को मुलाकात की और संविधान से जुड़ी अपनी चिंताओं से अवगत कराया।उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए नेपाल पर कूटनीतिक दबाव डालने की अपील की। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अगले सप्ताह चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं।
फ्रंट में शामिल सद्भावना पार्टी के महासचिव मनीष सुमन ने बताया कि नेपाल में एक बड़ी आबादी ने नए संविधान को स्वीकार नहीं किया है और सरकार संविधान के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन को दबा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का भी आरोप लगाया है।सुमन ने चीनी राजदूत के साथ मुलाकात को दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध स्थापित करने की दिशा में एक पहल बताया। गौरतलब है कि तक अपनी मांगों और विरोध प्रदर्शन के समर्थन के लिए मधेशी नेता भारतीय अधिकारियों से मिलते रहे हैं।
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