मनरेगा के तहत काम पाने आधार कार्ड अनिवार्य नहीं

नई दिल्ली: ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में स्पष्ट किया कि मनरेगा के तहत काम पाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया गया है लेकिन मनरेगा को आधार कार्ड से जोड़ने की अंतिम तारीख 31 मार्च तय की गई है और जरूरत पड़ने पर इस तिथि का विस्तार भी संभव है। तोमर ने इंटरवल प्रश्न के दौरान कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा के प्रश्न के जवाब में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि इस साल 3 जनवरी को ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर यह निर्देश दिया हैकि मनरेगा के तहत जिस व्यक्ति ने अब तक अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया है, इसे 31 मार्च 2017 तक आधार के लिए आवेदन देना होगा लेकिन राज्य सरकार अगर आवेदन करेगी तो इस तिथि का विस्तार भी किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मनरेगा में पारदर्शिता लाने और भुगतान सुनिश्चित करने के लिए इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के बजट में इस बार वृद्धि की गई है। इससे पहले ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने डी राजा के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अब तक किसी राज्य ने यह शिकायत नहीं है कि आधार कार्ड के अभाव में किसी को मनरेगा के तहत काम से वंचित रखा गया है।

उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस आधार पर काम न करने की शिकायत करता है तो सरकार कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के 80 प्रतिशत मजदूरों ने अपनी मर्जी से ही आधार कार्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करती है और उसने आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया है।