कोलकाता: हुकूमत पश्चिम बंगाल ने आज कहा कि वह एमजी एन आर ई जी ए (मनरेगा) के तहत आने वाली 280 करोड़ रुपये वापस नहीं करेगी जो केंद्र ने मांग करते हुए कहा है कि यह राशि ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू या निजी उपयोग के तालाबों के लिए खर्च की जाती है मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने केंद्र को एक पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया कि यह तालाब कोई निजी संपत्ति नहीं क्यों कि वहाँ पानी खेती, सिंचाई और घरों की जरूरत के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुखर्जी ने संवाददाताओं को बताया कि हमें हाल ही में केंद्र सरकार से एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया कि वह मनरेगा योजना के तहत हमें प्राप्त किए गये फंड्स 280 करोड़ रुपये काट कर देगी। हम ऐसी मांगों का विरोध करते हैं और पैसे वापस नहीं करेंगे। ग्रामीण बंगाल में पूल का उपयोग सार्वजनिक सुविधाओं के लिए किया जाता है तो यह राशि वापस करने का सवाल ही नहीं। ग्रामीण बंगाल में इस तरह के पूल के निर्माण से लाखों नौकरियों का इस्तेमाल किया गया है|