रांची 22 जुलाई : हाऊसिंग बोर्ड की तरफ से लॉटरी से हुए मकान, फ्लैट और प्लाट के अल्लोत्मेंट मनसुख हो सकते हैं।म्युन्सिपल कॉर्पोरेशन महकमा ने महाधिवक्ता के मंतव्य के सिलसिले में हाऊसिंग बोर्ड को कार्रवाई करने को कहा है। यह अलोटमेंट साल 2011 में रांची डिविजन में हुआ था। लॉटरी अलोटमेंट में जाब्तगियों की शिकायत आयी थी।
क्या है मामला : हाऊसिंग बोर्ड ने 20 अगस्त 2011 को हरमू, अरगोड़ा और बरियातू वाक़ेय मकान, फ्लैट और प्लाट की लॉटरी के तहत अलोटमेंट किया था। 500 असासों के लिए हजारों लोगों ने दरख्वास्त दिया था। बाद में लॉटरी में बे जाब्तगियों और क़वैद पर अमल न करने की शिकायत पर महकमा ने मामले की जांच करवायी। इधर, हाऊसिंग बोर्ड ने नवंबर 2011 से लॉटरी से अलोटमेंट प्लाट पर तामीर काम रोकने के साथ ही इसकी खरीद –फरोख्त पर रोक लगा दी।
जांच रिपोर्ट में क्या मिला : शहर तरक्की महकमा ने डिविजन कमिश्नर की सदारत में तीन रुकनी जांच टीम बनायी थी। टीम में निर्मल भुइयां (जॉइंट सेक्रेटरी हाऊसिंग बोर्ड), बीपीएल दास (नायब सेक्रेटरी खज़ाना महकमा) और मनोहर मरांडी (सेक्रेटरी हाऊसिंग बोर्ड) शामिल थे। जनवरी 2012 में तशकील इस टीम को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी थी। लेकिन जांच दल ने साल के आखिर में अपनी रिपोर्ट सौंपी। हालांकि रिपोर्ट में कुछ भी वाजेह नहीं किया गया।
शहर तरक्की महकमा ने जांच रिपोर्ट की फायल महकमा वजीर के पास फैसले के लिए भेजी थी। वहां काफी दिनों तक फायल पड़ी रही। अर्जुन मुंडा की हुकूमत गिरने के ठीक पहले पांच जनवरी 2013 को महकमा वजीर ने इस फायल पर तब्सिरह की। लिखा कि जांच कॉपी में यह दर्ज किया गया है कि जांच के दौरान गलत तरीके से किसी को फायदा करने की तस्दीक नहीं हुई है। लॉटरी अमल में श्फाफियत बरती गयी है। इस हकायक की रौशनी में हाऊसिंग बोर्ड को हिदायत दी जाती है कि वह असूलों के मुताबिक अमल की पैरवी करते हुए लाटरी के सिलसिले में कार्रवाई करे ।