कोलकाता: सोमवार को एक मुस्लिम मौलवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ ‘अशोभनीय’ टिप्पणी करने पर दिलीप घोष के खिलाफ एक फतवा जारी किया है।
“उसे हमारी मुख्यमंत्री जो देश की सबसे धर्मनिरपेक्ष नेता हैं उनके खिलाफ ऐसी ओछी टिपण्णी की हिम्मत कहाँ से मिली? मैंने उसके खिलाफ फतवा ज़ारी कर उसे बंगाल से बाहर निकालने के लिए कहा है। उसे बंगाल में रहने का हक नहीं है,” कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम, मौलाना नूर-उर रहमान बरकती ने कहा।
इमाम के फतवा जारी करने पर पलटवार करते हुए दिलीप घोष ने कहा, “ये पाकिस्तान है क्या? यहां फतवा नहीं चलता, फतवा जाके ममता बनर्जी को सुनाओ।” खबर है कि सोमवार की शाम झारग्राम में दिलीप घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है।
गौरतलब है कि दिलीप घोष ने कहा था कि ममता बनर्जी नोटबंदी अभियान के बाद अपना आपा खो चुकी हैं और इसीलिए वो दिल्ली-पटना एक कर रही हैं। घोष ने कहा था कि “ममता जब दिल्ली में नाटक कर रही थीं तो उस वक्त उन्हें बाल पकड़कर निकाला जा सकता था वहां हमारी पुलिस थी।“
न्यूज एजेंसी एएनआई ने घोष के हवाले से लिखा था, “एक मुख्यमंत्री इस तरह के शब्द प्रधानमंत्री के लिए इस्तेमाल करती हैं वो ठीक नहीं है। जब वो दिल्ली में नाटक कर रही थीं, हम चाहते तो उनका बाल पकड़ के निकाल सकते थे। हमारी पुलिस है वहां।”
दिलीप घोष के इस बयान पर पलटवार करते हुए टीएमसी के डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, “राजनीति में नई गिरावट, थ्रर्ड क्लास पॉलिटिक्स। ममता बनर्जी के खिलाफ खतरनाक, धमकी भरा और व्यक्तिगत आरोप लगाए गए हैं।” बता दें, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का विरोध कर रही हैं।