झारखंड की बड़ी आबादी सरना और ईसाई आदिवासी के नाम पर बंटी नजर आ रही है। आरसी चर्च सिंगपुर में माता मरियम को आदिवासी पोशाक में ज़हीर करने के खिलाफ सरना तंज़िमों ने एकजुट होकर चर्च को आदिवासियत पर ही घेरने की पॉलिसी तय की है।
सरना से ईसाई बने आदिवासियों को दर्ज़ फेहरिस्त ज़ात के दायरे से बाहर कराने की मंसूबा है। मामला अदालत में जायेगा।
एवान तक भी बात पहुंचायी जायेगी। राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के रहनुमा बंधन तिग्गा, मर्कज़ी सरना कमेटी के सादर अजय तिर्की और आदिवासी अवामी कोनसिल के वर्किंग कमेटी के सदर प्रेम शाही मुंडा ने इसकी तसदीक़ की है़। उधर, चर्च के लोगों का कहना है कि आरसी चर्च सिंगपुर में आदिवासी पोशाक में कायम मरियम की मूर्ति उनकी सक़ाफती अक़ीदत का इज़हार है।
लाल पाड़ की साड़ी में माता मरियम की मूर्ति कायम करने के खिलाफ इतवार 25 अगस्त को रिंग रोड, सीठियो, द्रविड़ आश्रम से सिंगपुर, धुर्वा तक सरना धर्म हिफाज़त सफर निकाली जायेगी। इसमें काफी तादाद में सरना मजहब के लोग हिस्सा लेंगे। सफर में शामिल लोग सिंगपुर चर्च जाकर वहां कायम मूर्ति प्रतिमा को इज्ज़त के साथ हटायेंगे और वहां मरियम की मूर्ति लगायेंगे। सफर का वक़्त सुबह 11 से दिन के तीन बजे तक होगा। यह बातें सनीचर को बंधन तिग्गा, प्रेम शाही मुंडा, रवि तिग्गा, चेट्टे (सिंगपुर) के गाँव के मुखिया दुलाल मुंडा और मुखतलिफ़ सरना तंज़िमों के नुमाइंदों ने होटल सूर्या में सहफ़ियों से कही। उन्होंने कहा कि सफर से पहले एसेम्बली रुक्न बंधु तिर्की और एसेम्बली रुक्न चमरा लिंडा का पुतला जलाया जायेगा। वे चर्च का काम कर रहे हैं।